Brake क्या है | Types of Brake | Disc Brake | Drum Brake

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Brake क्या है | Types of Brake | Disc Brake | Drum Brake In Hindi Information

Brake Kya Hai | Types of Brake

हेलो दोस्तों स्वागत है आप का एक और नयी पोस्ट में इस पोस्ट में हम जानेंगे की ब्रेक सिस्टम क्या है ये कैसे कार्य करता है । और इसके कितने प्रकार होते हैं तो चलिए जानते हैं की ब्रेक क्या है विस्तार से जानते हैं सड़क पर गाड़ी चला रहे हैं और अचानक कोई आगे आ गया तो आप क्या करेंगे ! ब्रेक ही लगाएंगे न या आप कुछ और सोच रहे है , दोस्तों कुछ और मत सोचिये और यदि कभी ऐसा समय आये तो बिलकुल ब्रेक ही लगाइये। इससे आप और आगे वाला दोनों सुरक्षित रहेंगे। आपमें से जयादातर लोग गाड़ी चलाते होंगे और ब्रेक का इस्तेमाल भी किये होंगे। लेकिन कभी आपने सोचा है की कार हो या ट्रक या फिर बाइक क्या सभी में एक प्रकार का ही ब्रेक होता है क्या ? या फिर अलग अलग होता है और ये कैसे काम करता है ?

Brake किसी भी वाहन को रोकने के लिए बहुत जादा आवश्यक होते है वाहन में ब्रेक होने के कारण ही समय पर वाहन को रोका जाता है जिसके कारण हम हर रोज बहुत सी दुर्घटना से बचते है अगर वाहन में ब्रेक नहीं होगे तो हर रोज दुर्घटना होगी और हम वाहन को रोक भी नहीं पाएगे , वाहन में ब्रेक अलग अलग प्रकार की होती है परन्तु सभी ब्रेक का काम वाहन को रोकना है सभी कार में आगे वाली ब्रेक डिस्क ब्रेक होती है और पीछे वाली ब्रेक ड्रम ब्रेक होती है जिसमे ब्रेक लेदर होते है इसी प्रकार बाइक में आगे और पीछे वाले पहिए में ड्रम ब्रेक होते है और वायर के साथ काम करती है

परन्तु जो सपोर्ट बाइक होती है जैसे बजाज पल्सर , Tvs अपाची आदि में आगे वाली ब्रेक डिस्क होती है और पीछे वाली डिस्क या ड्रम दोनों में से एक होती है परन्तु इन सभी ब्रेक का काम वाहन को रोकना है कुछ समय पहले दुर्घटना कम होती थी परन्तु आज के समय में ट्रेफिक जादा होने के कारण दुर्घटना भी बढती जा रही है , इन सभी दुर्घटना को ध्यान में रखते हुए ब्रेक सिस्टम में बदलाव किए गए है

ब्रेक क्या है ( WHAT IS BREAK ) 

गति में चल रहे वाहन को रोकने के लिए जिस वस्तु का इस्तेमाल किया जाता है उसे ब्रेक कहते है , जो वाहन को दुर्घटना होने से बचाता है उसे ब्रेक कहाँ जाता है और सभी वाहन में ब्रेक लगी होती है

Brake का इस्तेमाल जब स्पीड में वाहन चल रहा होता है और उसकी स्पीड को कम करने के लिए और जहाँ हम वाहन को रोकना चाहते है उसे उस जगह पर रोकने के लिए ब्रेक का इस्तेमाल किया जाता है

सभी वाहन में ब्रेक अलग अलग प्रकार से काम करती है अगर साइकिल की बात की जाए तो उसमे रबर के गुटके लगे होते है और जब हम ब्रेक लगाते है तो वह गुटके रिम पर चिपक जाते है और साइकिल रुक जाती है

एक ब्रेक होती है जिसे डिस्क ब्रेक कहाँ जाता है जिसका इस्तेमाल सबसे जादा कार और बाइक में किया जाता है इसमें एक रूटर लगा होता है और यह रूटर दोनों तरफ से प्लेन होता है

और इस रूटर के उपर एक केलिपर लगा होता है और इस केलिपर में दो डिस्क पेड़ लगे होते है और जब हम Brake पेडल दबाते है तो डिस्क पेड़ रूटर से चिपकते है और वाहन की गति रुक जाती है इसे हाइड्रोलिक ब्रेक कहा जाता है

इसके बाद इलेक्ट्रोनिक ब्रेक की बात की जाए तो यह एबीएस ब्रेक होती है और यह कार के Ecm के साथ Connect होती है और ब्रेक में Abs स्पीड सेंसर लगा होता है जिसे हमारा वाहन ब्रेक मारने पर फिसलती नहीं है

इसके अलावा एक प्रेसर ब्रेक होती है जो हवा के साथ काम करती है और इस ब्रेक का इस्तेमाल ट्रक में किया जाता है इसे पॉवर ब्रेक भी कहाँ जाता है ट्रक में ड्रम ब्रेक होने के कारण भी यह ब्रेक पॉवर होती है और जल्दी से वाहन को रोकती है

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ब्रेक के प्रकार ( TYPES OF BREAK ) 

ब्रेक में मुख्या रूप से तीन प्रकार के ब्रेक का सबसे जादा इस्तेमाल किया जाता है जानिए उन दो प्रकार के ब्रेक के बारे में –

.  डिस्क ब्रेक (DISK BRAKE)

डिस्क Brake का इस्तेमाल सबसे जादा कार में किया जाता है और अब बाइक में भी डिस्क ब्रेक का बहुत जादा इस्तेमाल किया जाने लगा है डिस्क ब्रेक में डिस्क Ped होते है

जो रूटर के साथ चिपक जाते है और वाहन को रोक देते है , डिस्क Brake में एक बूस्टर और मास्टर सिलेंडर लगा होता है और मास्टर सिलेंडर में ब्रेक आयल होता है

और जब हम ब्रेक पेडल को दबाते है तो ब्रेक आयल केलिपर को प्रेस करता है जिसके कारण ब्रेक Ped रूटर से चिपक जाते है और ब्रेक लगती है

.  ड्रम ब्रेक (DRUM BRAKE)

ड्रम Brake का इस्तेमाल सबसे जादा पीछे वाले पहिए में किया जाता है और बाइक में ड्रम ब्रेक का इस्तेमाल दोनों ही पहियों में किया जाता है परन्तु बाइक और कार में ड्रम ब्रेक अलग अलग प्रकार से काम करती है ये भी एक यांत्रिक ब्रेक ही है जिसमें ड्रम मेटल का बना होता है जो सभी व्हील पर होता है व्हील के साथ घूमने वाले ड्रम को धीमा या रोकने के लिए दो घुमावदार ब्रेक शू बाहर की ओर रहता है। 

ड्रम Brake में लेदर होते है यह लेदर दो होते है जिनका आकार चाँद के जैसा होता है और यह दोनों लेदर ड्रम में चिपकते है और वाहन रुकता है और ब्रेक लगती है

कार के ड्रम ब्रेक में एक व्हील सिलेंडर लगा होता है जो ब्रेक पेडल के साथ खुलता और बंद होता है जब हम ब्रेक पेडल दबाते है तो Brake आयल व्हील सिलेंडर को प्रेस करता है

जब यह व्हील सिलेंडर प्रेस होता है तो इसमें दोनों तरफ से बुश निकलता है और ब्रेक लेदर को प्रेस करता है उसके बाद ब्रेक लेदर ड्रम में चिपक जाते है और वाहन की गति धीमी हो जाती है

बाइक में आगे और पीछे ड्रम ब्रेक होती है और इस ड्रम में दो लेदर होते है जो एक प्लेट में लगे होते है और इसी प्लेट में एक लीवर लगा होता है और यह प्लेट ड्रम में लगती है

और इस लीवर में एक तार लगी होती है जो हमारे हाथ के पास लगे लीवर में कनेक्ट होती है जब हम हाथ में लगे लीवर को दबाते है तो ड्रम प्लेट में लगा लीवर भी दबता है जिसे ब्रेक लेदर खुलते है और ड्रम में चिपक जाते है और ब्रेक लगते है

.  इलेक्ट्रोनिक ब्रेक (ELECTRONIC BRAKE)

इलेक्ट्रोनिक ब्रेक का इस्तेमाल सबसे जादा नई कार और बाइक में किया जा रहा है इसके इस्तेमाल से बहुत सी दुर्घटना को कम किया गया है इसे कार या बाइक ब्रेक मारने पर फिसलती नहीं है

और इस ब्रेक सिस्टम को Abs कहाँ जाता है इसमें Abs स्पीड सेंसर चारो पहिए में लगा होता है और यह स्पीड सेंसर Ecm से कनेक्ट होते है साथ ही एक Abs कण्ट्रोल मोडूल लगा होता है

Abs ब्रेक सिस्टम में जब हम Brake पेडल को दबाते है तो Abs कण्ट्रोल मोडुल और Abs स्पीड सेंसर के कारण ब्रेक Ped एकदम से रूटर से नहीं चिपकते है , ब्रेक Ped खुलते और बंद होते रहते है जिसे वाहन फिसलता नहीं है

ड्रम ब्रेक और डिस्क ब्रेक में अंतर?

ड्रम ब्रेक और डिस्क ब्रेक में अंतर?-डिस्क ब्रेक और ड्रम ब्रेक के बारे में उपरोक्त परिचय यह निष्कर्ष निकालता है कि दोनों ब्रेक सिस्टम एक ही सिद्धांत पर काम करते हैं यानी जब ब्रेक लगाया जाता है, तो मास्टर सिलेंडर द्वारा उत्पन्न हाइड्रोलिक दबाव ब्रेक पैड में गति का कारण बनता है जो बदले में घर्षण संपर्क बनाता है। पहियों और वाहन के साथ मिलकर घूमने वाला घटक अंत में धीमा हो जाता है या रुक जाता है। तो अब सवाल आता है कि हम अपने आवेदन के अनुसार ब्रेक सिस्टम का प्रकार कैसे चुन सकते हैं? इसका उत्तर उन्हें अलग करना है, तो चलिए इसे करते हैं।

क्रं सं.पैमानेड्रम ब्रेक (Drum Brake)डिस्क ब्रेक (Disc Brake)
1.निर्माण में अंतरड्रम ब्रेक में डिस्क के स्थान पर एक ड्रम का प्रयोग किया जाता है जिसके बाहरी भाग में ड्रम लाइन होती है जो पहिए के हब से जुड़ा होता है और पहिए के साथ घूमता है।
ड्रम ब्रेक में, एक ड्रम का उपयोग किया जाता है जिसके अंदर एक्चुएटिंग मैकेनिज्म (सिलेंडर या स्प्रिंग) के साथ ब्रेक शूज़ को इस तरह से लगाया जाता है कि जब ब्रेक लगाए जाते हैं तो ब्रेक शूज़ की बाहरी गति घूर्णन ड्रम लाइनों के साथ घर्षण संपर्क बनाती है। और वाहन धीमा हो जाता है या रुक जाता है।
ब्रेक पैड के बजाय ड्रम ब्रेक में, धातु के जूते जैसे घटक पर चिपके घर्षण सामग्री से बने बड़े ब्रेक शूज़ का उपयोग घूर्णन ड्रम लाइनों के साथ घर्षण संपर्क बनाने के लिए किया जाता है और इन ब्रेक शूज़ के बाहरी हिस्से को अंदर लगे हाइड्रोलिक सिलेंडर द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
डिस्क ब्रेक सिस्टम की तुलना में ड्रम ब्रेक सिस्टम की समग्र व्यवस्था काफी बड़ी है।
डिस्क ब्रेक में, एक गोलाकार धातु की प्लेट का उपयोग किया जाता है जो पहिया के हब के साथ मिलकर पहिया के साथ घूमती है।
डिस्क ब्रेक में, एक कैलिपर का उपयोग किया जाता है जो डिस्क पर इस तरह से लगाया जाता है कि जब ब्रेक लगाया जाता है तो ब्रेक पैड की गति घूर्णन डिस्क (घर्षण संपर्क बनाते हुए) को जकड़ने का प्रयास करती है जिससे वाहन की गति धीमी हो जाती है या रुक जाती है।
डिस्क ब्रेक में, घर्षण सामग्री (किसी न किसी सतह वाले) से बने छोटे ब्रेक पैड का उपयोग घूर्णन डिस्क के साथ घर्षण संपर्क बनाने के लिए किया जाता है, इन ब्रेक पैड के क्लैंपिंग आंदोलन को छोटे हाइड्रोलिक सिलेंडरों द्वारा नियंत्रित किया जाता है जिन्हें कैलीपर्स के अंदर लगे व्हील सिलेंडर कहा जाता है।
ड्रम ब्रेक की तुलना में डिस्क ब्रेक सिस्टम की समग्र व्यवस्था काफी छोटी है।
2.कार्य में अंतरड्रम ब्रेक का प्रारंभिक कार्य डिस्क ब्रेक के समान होता है लेकिन ब्रेक ऑयल के मास्टर सिलेंडर से निकलने के बाद ड्रम ब्रेक का कार्य निम्नानुसार होता है।
उच्च दाब वाले मास्टर सिलेंडर से ब्रेक ऑयल ब्रेक ड्रम में प्रवेश करता है और ड्रम ब्रेक के व्हील सिलेंडर पिस्टन पर दबाव डालता है जिससे पिस्टन हिलता है।
पिस्टन की इस गति के कारण ब्रेक ड्रम के अंदर के ब्रेक शू बाहर की ओर बढ़ते हैं और घूमने वाली ड्रम लाइनों के साथ संपर्क बनाते हैं।
ब्रेक शूज़ और ड्रम लाइन के बीच इस घर्षण संपर्क के कारण वाहन धीमा या रुक जाता है।
डिस्क ब्रेक का कार्य सिद्धांत ड्रम ब्रेक के समान है लेकिन घटकों की गति भिन्न होती है।
डिस्क ब्रेक सिस्टम में जब ब्रेक पेडल को दबाया जाता है तो मास्टर सिलेंडर का पिस्टन ब्रेक लाइन के माध्यम से अत्यधिक संकुचित ब्रेक ऑयल (हाइड्रोलिक द्रव) को ब्रेक कैलीपर की ओर धकेलता है।
उच्च दबाव वाला यह ब्रेक ऑयल ब्रेक कैलीपर में प्रवेश करता है और इस उच्च दबाव के कारण दोनों तरफ के व्हील सिलेंडर के पिस्टन यानी दाएं पैड की तरफ और बाएं पैड की तरफ चलते हैं।
व्हील सिलेंडर पिस्टन के इन आंदोलन के कारण ब्रेक पैड अंदर की दिशा में आगे बढ़ते हैं और घूर्णन डिस्क को क्लैंप करने का प्रयास करते हैं। ब्रेक पैड और घूर्णन डिस्क के बीच इस संपर्क के कारण घर्षण बल उत्पन्न होता है जो अंततः वाहन को धीमा या बंद कर देता है।
3.दक्षता या ब्रेक बल अंतरघूमने वाले पहिये पर ड्रम ब्रेक द्वारा लगाया गया ब्रेक बल मध्यम या कम होता है क्योंकि ब्रेक शूज़ और घूर्णन ड्रम लाइन के बीच संपर्क के कारण उत्पन्न घर्षण बल मध्यम या निम्न होता है लेकिन वाहन को धीमा करने या रोकने के लिए पर्याप्त होता है। इस कारण भारी वाहनों में ड्रम ब्रेक का प्रयोग किया जाता है
चूंकि इन्हें किसी भी आकार में बढ़ाया जा सकता है इसलिए भारी वाहन में ड्रम ब्रेक का उपयोग काफी कुशल है।
रोटेटिंग व्हील पर डिस्क ब्रेक द्वारा लगाया गया ब्रेक फोर्स काफी अधिक होता है क्योंकि ब्रेक पैड और रोटेटिंग डिस्क के बीच संपर्क के कारण उत्पन्न घर्षण बल काफी अधिक होता है, इस कारण डिस्क ब्रेक सड़क पर दूसरों के लिए अच्छे होते हैं। , लेकिन कभी-कभी चालक के लिए खतरनाक होते हैं।
आकार में वृद्धि या अधिकतम आकार की सीमाओं के कारण आमतौर पर भारी वाहनों में डिस्क ब्रेक का उपयोग नहीं किया जाता है।
4.आवेदन में अंतरचूंकि इन्हें किसी भी आकार में बढ़ाया जा सकता है इसलिए भारी वाहनों जैसे ट्रकों और बसों में ड्रम ब्रेक का उपयोग बहुत आम है।चूंकि डिस्क ब्रेक को आवश्यकतानुसार छोटा बनाया जा सकता है, स्कूटर और बाइक जैसे दोपहिया वाहनों में डिस्क ब्रेक का उपयोग बहुत आम हो गया है।

ब्रेक सिस्टम

परन्तु सिर्फ एक अच्छा ब्रेकिंग सिस्टम ही काफी नहीं होता है । क्यूंकि पहियों की भी इसमें मुख्य भूमिका होती है । अगर पहिये घिसे हुए हैं तो इसका भी ब्रेकिंग सिस्टम पर प्रभाव पड़ता है । जिस कारण ब्रेक सही से नहीं लगते हैं । तो चलिए जानते हैं कि एक अच्छे ब्रेक सिस्टम में क्या क्या विषेशताएं होनी चाहिए

1 . एक गाडी में ब्रेक लगाते समय कम से कम पावर का इस्तेमाल करना पड़े जिससे कि गाडी एक निश्चित दूरी पर रूक जाए

2 . एक मोटर गाडी को कई प्रकार के मार्गो से गुजरना पड़ता है । जैसे कच्ची सड़कें , पक्की सड़कें , दलदली जगहें साथ ही धूप हो या बारिश किसी भी मौसम में  हर स्थिति में ब्रेक सही से लगने चाहिए

3 . ब्रेक सिस्टम प्रायः पहियों से जुड़े होते हैं तो ब्रेक लगाते समय व्हील अलाइमेंट में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए

4 . किसी कारण अगर किसी पहिये की ब्रेकिंग में परेशानी आ जाये तो उसका प्रभाव अन्य पहियों पर नहीं पड़ना चाहिए और साथ ही ब्रेक लगाते समय गाडी एक और नहीं भागनी  चाहिए

Conclusion : आशा करता हूँ दोस्तों आपको Brake क्या है| Types of Brake | Disc Brake | Drum Brake| इन सारे सवालों का जवाब आपको मिल गया होगा। 

यदि फिर भी आपके मन में कोई सवाल हो या कोई confusion हो तो कमेंट करके जरूर बताये।

और दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताये और अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।

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