Holi Essay in Hindi – Holi Par Nibandh for Class 5,6,7,8,9 and 10 Students
Holi Essay in Hindi
Holi Essay in Hindi – अधिकतर परीक्षाओं में हमारे भारतीय त्योहारों के निबंध लिखने से सम्बंधित प्रशन देखने को मिलते है जिनमें से एक होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi for Class 5,6,7,8,9 and 10 Students) भी प्रमुख है। तो आज की इस पोस्ट का हमारा विषय होने वाला है होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) । नीचे आपको होली से सम्बंधित निबंध दिया गया है जिसे आप अपनी परीक्षा के लिए याद कर सकते है। तो चलिए पढ़ते और याद करते है आज के इस होली के निबंध (Short Essay on Holi)
हर पर्व को मनाने के पीछे कोई न कोई कहानी अवश्य रहती हैं। इस प्रकार होली पर्व को मनाए जाने के पीछे एक कहानी प्रचलित हैं जिसके बारे में हम आपको पूर्ण विस्तार से बताने जा रहें हैं। होली पर निबंध के बारे में अधिक विस्तार से जानने के लिए हमारे लेख से जुड़े रहिये।
होली पर निबंध – Holi Essay in Hindi
भारत में बहुत से त्यौहार मनाये जाते हैं इनमे से एक होली का त्यौहार भी मनाया जाता है। जिसे सभी लोग रंगों के साथ गुलाल लगाकर मनाते हैं। पहले समय में होली को सिर्फ गुलाल और चन्दन लगा कर मनाया जाता था। भारत में अलग-अलग जगहों में होली अलग-अलग नाम से वृन्दावन की होली, काशी की होली, ब्रज की होली, मथुरा की होली आदि प्रसिद्ध है। होली के दिन सभी लोग अपने घरों में विभन्न प्रकार के पकवान बनाते हैं और महमानों को बुलाते हैं होली के पहले दिन सभी लोग रात को एकत्र हो कर होलिका दहन करते हैं और डीजे लगा कर नाच गाना करते हैं। होली पर निबंध नीचे दिया जा रहा है। अधिक जानकारी के लिए हमारे लेख को पढ़ें।
होली की तैयारी
होली की विशेष तैयारी में एक दिन से ज्यादा का समय लगता है। इस पर्व पर सबके घरों में अनेक पकवान बनाएं जाते हैं जिसमें गुजिया, दही भल्ले, गुलाब जामुन प्रमुख हैं लोग महिनों पहले से अपने घर के छतों पर विभिन्न तरह के पापड़ और चिप्स आदि को सुखाने में लग जाते हैं। मध्यमवर्गीय परिवार भी इस त्योहार पर अपने बच्चों के लिए अवश्य ही कपड़े खरीदता है।
होली कैसे मनाई जाती है – Holi Essay in Hindi
होली पर सभी बहुत अधिक उत्साहित होते हैं। बड़े भी बच्चे बन जाते हैं हम उम्र का चेहरा रंगों से ऐसे रंगते हैं की पहचानना मुश्किल हो जाता है वहीं बड़ों को गुलाल लगा उनका आशिर्वाद लेते हैं। अमीर-गरीब, ऊँच- नीच का भेद भुलाकर सभी आनंद के साथ होली में झूमते नज़र आते हैं। झूमने का एक अन्य कारण भांग और ठंडाई भी है यह होली पर विशेष कर पीया जाता है। घर की महिलाएं सारे पकवान बना कर जहां दोपहर से होली खेलना प्रारंभ करती है वहीं बच्चे सुबह उठने के साथ ही तहलके (उत्साह) के साथ मैदान में आ जाते हैं।
होली के दिन ध्यान रखने योग्य बातें
होली के दिन जिन बातों को ध्यान में रखना होता है उन सभी बातों की सूची नीचे लेख में दी जा रही है। अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए दी गयी सूची को पढ़ें।
- होली में केमिकल व कांच वाले रंगों का प्रयोग न करें। इस से त्वचा को नुक्सान पहुँचता है। साथ ही बहुत से लोगों को एलर्जी की समस्या भी हो जाती है।
- Holi खेलने के लिए स्वच्छ पानी का प्रयोग करें।
- होली खेलते समय आप अपनी आँखों का ख्याल रखें। इसके लिए होली खेलते समय चश्मे का प्रयोग करें।
- रोड पर किसी वाहन चलाते व्यक्ति पर पानी से भरे गुब्बारे न मारें। इस से उस व्यक्ति के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना अधिक होती है।
- किसी भी वाहन पर पानी ना फेंके इससे दुर्घटना भी हो सकती है।
- होली खेलते समय रंगों व पिचकारी से अपनी आँखों को बचा कर रखें।
- पर्व के दिन ऐल्कोहॉल का सेवन न करें।
- बूढ़े व्यक्तियों पर पानी के गुब्बारे व पिचकारी न मारें।
- छोटे बच्चों को होली खेलते समय उनकी सुरक्षा के बारे में अवश्य बता दें।
- बेहतर होगा होली में पानी का कम से कम उपयोग करें और सूखे व प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें। इसके लिए आप फूलों आदि का प्रयोग करें। या फिर घर पर बनाये हुए रंगों का इस्तेमाल करें।
होली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां – Holi Essay in Hindi
होली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व को भी कुछ लोग बदनाम करने से नहीं चूकते। कुछ असामाजिक तत्व मादक पदार्थों का सेवन कर आपे से बाहर हो जाते हैं और हंगामा करते नजर आते हैं। कुछ लोग होलिका में टायर जला देते हैं, उनको इस बात का अंदाजा नहीं होता कि इससे वातावरण को बहुत अधिक नुकसान पहुँचता है। कुछ लोग रंग और गुलाल की जगह पर पेंट और ग्रीस लगाने का गंदा काम करते हैं जिससे लोगों को शारीरिक क्षति होने की आशंका रहती है। अगर में होली से इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो होली का पर्व वास्तव में हैप्पी होली बन जाएगा।
राज्यों में होली के प्रकार – Holi Essay in Hindi
भारत देश में होली को अलग-अलग राज्यों में अनेकों तरीके व अलग नाम से मनाया जाता है। लेख में कुछ राज्यों के होली के बारे में वर्णन किया गया है।
बंगाल में होली
बंगाल में होली को डोल पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। बंगाल में इस दिन पर कृष्ण भगवान और राधा की मूर्ति को डोली में रख के पुरे शहर में घुमाते हैं और इसमें नाच गाने के साथ रंगों के साथ भी खेला जाता है।
उड़ीशा में होली
बंगाल के अलावा उड़ीसा के लोग भी होली को डोल पूर्णिमा के नाम से जानते हैं। होली के उपलक्ष में उड़ीशा में भगवान जगन्नाथ की मूर्ति को डोली में रख के पुरे शहर में घुमाते हैं। इस झांकी में सभी लोग शामिल होते हैं। और रंगों के साथ धूम-धाम से नाच गाने के साथ डोली को शहर में घुमाते हैं।
कर्नाटक की होली
कर्नाटक में होली को कामना हब्बा के उपलक्ष में मनाया जाता है। इस दिन शिवजी भगवान ने कामदेव को अपने तीसरे नेत्र से भस्म कर दिया था। इस दिन राज्य के सभी लोग अपने पुराने कपड़ों को और कूड़े कचरे को एक जगह पर इकठ्ठा करते हैं। और फिर उसमे आग लगाते हैं।
होली का वर्णन – Holi Essay in Hindi
होली का त्यौहार होली की रात्रि से एक दिन पूर्व आरंभ हो जाता है। लोग अपने अपने गांव,मोहल्ले में उपलो,लकड़ियों का ढेर इकट्ठा करते हैं । फिर शुभ घड़ी में इस ढेर यानी होलिका में अग्नि प्रज्वलित की जाती है। इसी अग्नि में लोग नए अनाज की बाली भूनकर अपने आराध्य को अर्पित करते हैं।
होलिका दहन अगला दिन रंग-भरी होली का होता है। इसे धुलैंडी भी कहते हैं। इस दिन सभी धर्म और जाति के छोटे-बड़े बच्चे-बूढ़े, स्त्री-पुरुष एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं और रंग डालते हैं।सड़कों पर मस्त युवकों की टोली गाती बजाती निकलती है। एक-दूसरे को मिठाईयां खिलाते हैं और अपने मधुर संबंधों को और भी प्रगाढ़ बनाते हैं।
Holi Essay in Hindi for Class 5 (होली पर निबंध) – 2
Holi Essay in Hindi – होली रंगों का एक प्रसिद्ध त्योहार है जो हर साल फागुन के महीने में भारत के लोगों द्वारा बड़ी खुशी के साथ मनाया जाता है। ये ढ़ेर सारी मस्ती और खिलवाड़ का त्योहार है खास तौर से बच्चों के लिये जो होली के एक हफ्ते पहले और बाद तक रंगों की मस्ती में डूबे रहते है। हिन्दु धर्म के लोगों द्वारा इसे पूरे भारतवर्ष में मार्च के महीने में मनाया जाता है और उत्तर भारत के लोगों में तो इस त्यौहार को लेकर एक अलग ही उमंग और उत्साह देखने को मिलता है।
सालों से भारत में होली मनाने के पीछे कई सारी कहानीयाँ और पौराणिक कथाएं है। इस उत्सव का अपना महत्व है, हिन्दु मान्यतों के अनुसार होली का पर्व बहुत समय पहले प्राचीन काल से मनाया जा रहा है जब होलिका अपने भाई के पुत्र को मारने के लिये आग में लेकर बैठी और खुद ही जल गई।
उस समय एक राजा था हिरण्यकशयप जिसका पुत्र प्रह्लाद था और वो उसको मारना चाहता था क्योंकि वो उसकी पूजा के बजाय भगवान विष्णु की भक्ती करता था। इसी वजह से हिरण्यकशयप ने होलिका को प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर आग में बैठने को कहा जिसमें भक्त प्रह्लाद तो बच गये लेकिन होलिका मारी गई।
जबकि, उसकी ये योजना भी असफल हो गई, क्योंकि वो भगवान विष्णु का भक्त था इसलिये प्रभु ने उसकी रक्षा की। षड़यंत्र में होलिका की मृत्यु हुई और प्रह्लाद बच गया। उसी समय से हिन्दु धर्म के लोग इस त्योहार को मना रहे है। होली से ठीक एक दिन पहले होलिका दहन होता है जिसमें लकड़ी, घास और गाय के गोबर से बने ढ़ेर में इंसान अपने आप की बुराई भी इस आग में जलाता है।
होलिका दहन के दौरान सभी इसके चारों ओर घूमकर अपने अच्छे स्वास्थय और यश की कामना करते है साथ ही अपने सभी बुराई को इसमें भस्म करते है। इस पर्व में ऐसी मान्यता भी है कि सरसों से शरीर पर मसाज करने पर उसके सारे रोग और बुराई दूर हो जाती है साथ ही साल भर तक सेहत दुरुस्त रहती है।
होलिका दहन की अगली सुबह के बाद, लोग रंग-बिरंगी होली को एक साथ मनाने के लिये एक जगह इकठ्ठा हो जाते है। इसकी तैयारी इसके आने से एक हफ्ते पहले ही शुरु हो जाती है, फिर क्या बच्चे और क्या बड़े सभी बेसब्री से इसका इंतजार करते है और इसके लिये ढ़ेर सारी खरीदारी करते। यहाँ तक कि वो एक हफ्ते पहले से ही अपने दोस्तों, पड़ोसियों और प्रियजनों के साथ पिचकारी और रंग भरे गुब्बारों से खेलना शुरु कर देते। इस दिन लोग एक-दूसरे के घर जाकर रंग गुलाल लगाते हैं साथ ही स्वादिष्ट पकवानों का आनंद लेते।
निष्कर्ष (Conclusion):
होली का त्योहार हमारे राष्ट्र की एक छवि है, यह विश्व के सभी देशों में हमारी संस्कृति को दर्शाता है होली का त्यौहार लोगों में बहुत अधिक दृढ़ता लाता है और उन्हें खुश करता है। आपको होली के बारे में (Holi Essay in Hindi) ये जानकारियां कैसी लगी हमें नीचे Comment Box में अवश्य बताएं अगर आपको होली पर यह निबंध (Holi Essay in Hindi) पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर भी कर सकते हैं!