क्रैंकशाफ्ट क्या है? – What is Crankshaft in Hindi

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क्रैंकशाफ्ट क्या है? – What is Crankshaft in Hindi

क्रैंकशाफ्ट (Crankshaft) एक महत्वपूर्ण इंजन भाग है जो इंटरनल कंबस्टियन (Internal Combustion) इंजनों में प्रयुक्त होता है। यह एक लंबवत और स्थिर धातु बार होता है जो संधियों के माध्यम से इंजन के अन्य भागों से जुड़ा होता है।

क्रैंकशाफ्ट का मुख्य कार्य होता है इंजन में ऊर्जा को स्थायी और परिवर्तनशील गतिमान में रूपांतरित करना। यह इंजन के पिस्टनों से आवंटित स्थायी लंबी गति को उन्नत गति में परिवर्तित करता है।

क्रैंकशाफ्ट एक विशेष आकार और ढांचे का होता है। यह धातु से बना होता है और मुख्य तंत्र शारीर में स्थानांतरित होता है। क्रैंकशाफ्ट में कई प्रमुख भाग होते हैं, जिनमें क्रैंकपिन, क्रैंकशाफ्ट मेन बेयरिंग्स, और क्रैंकशाफ्ट पूली (Crankshaft Pulley) शामिल होते हैं।

क्रैंकशाफ्ट का महत्वपूर्ण उद्देश्य इंजन में तत्परता और संतुलन को प्रदान करना है। इसके द्वारा लंबी गति को अधिक गति में परिवर्तित किया जाता है और यह इंजन के गतिशीलता, ताकत, और स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

क्रैंकशाफ्ट कैसे काम करता है? How does crankshaft work?

क्रैंकशाफ्ट (Crankshaft) इंटरनल कंबस्टियन (Internal Combustion) इंजन का एक महत्वपूर्ण भाग है जो इंजन की ऊर्जा को गतिमान में परिवर्तित करता है। यह बैठे हुए पिस्टन की स्थायी लंबी गति को उन्नत गति में परिवर्तित करने का कार्य करता है।

क्रैंकशाफ्ट में बायरिंग (Bearings) और क्रैंकपिन (Crankpins) होते हैं जो इसे इंजन के बॉडी से जुड़ते हैं। जब पिस्टन ऊर्जा को जनरेट करने के लिए नीचे की ओर धकेलता है, तो क्रैंकशाफ्ट इस गति को पकड़ता है और गति को अपवर्तित करके पिस्टन की गति को बढ़ाता है।

जब पिस्टन ऊपर की ओर उठता है, तो क्रैंकशाफ्ट इस गति को ग्रहण करता है और गति को परिवर्तित करके पिस्टन की गति को कम करता है। यह प्रक्रिया इंजन की स्थिरता, संतुलन और ऊर्जा प्रदर्शन को सुनिश्चित करने में मदद करती है।

क्रैंकशाफ्ट की गति और चाल को एक स्थायी रूप में बनाए रखने के लिए, यह विशेष रचना और बायरिंग प्रणाली से समर्थित होता है। इसके लिए उच्च गुणवत्ता के धातु और बायरिंग्स का उपयोग किया जाता है ताकि क्रैंकशाफ्ट चक्रों के द्वारा धकेल और खींच के प्रभाव का सामरिक उपयोग कर सके।

यही क्रैंकशाफ्ट की कार्यप्रणाली है जिससे इंजन की ऊर्जा पिस्टन की गति में परिवर्तित होती है। क्रैंकशाफ्ट इंजन के आंतरिक भागों के बीच संचालन का महत्वपूर्ण रोल निभाता है और सुचति, स्थिरता और संतुलन को सुनिश्चित करने में मदद करता है।

क्रैंकशाफ्ट के मुख्य भाग | Main Parts of Crankshaft

  1. मुख्य शारीर (Main Body) – क्रैंकशाफ्ट का मुख्य शारीर लंबवत और स्थिर धातु बार होता है जो इंजन के बॉडी से जुड़ा होता है। इसका मुख्य कार्य पिस्टन की गति को परिवर्तित करना होता है।
  2. क्रैंकपिन (Crankpins) – क्रैंकपिन क्रैंकशाफ्ट के आंतरिक भागों होते हैं जिनमें पिस्टन संघटकों के धकेल और खींच का प्रभाव होता है। यह पिस्टन की गति को बढ़ाते और कम करते हैं।
  3. मेन बेयरिंग्स (Main Bearings) – मेन बेयरिंग्स क्रैंकशाफ्ट को इंजन के बॉडी से जोड़ते हैं और उसकी स्थायित्व और संतुलन की गारंटी देते हैं। इन बेयरिंग्स का उपयोग क्रैंकशाफ्ट की गति को संचालित रखने के लिए किया जाता है।
  4. क्रैंकशाफ्ट पूली (Crankshaft Pulley) – क्रैंकशाफ्ट पूली इंजन के अन्य उपकरणों से जुड़ी होती है और क्रैंकशाफ्ट की गति को विभिन्न उपकरणों में पहुंचाती है। यह पूली स्थिर होती है और इंजन की ऊर्जा को अन्य उपकरणों में ट्रांसफर करती है।

यह भाग एक संगठनिक रचना में मिलकर क्रैंकशाफ्ट को संचालित और स्थिर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

यह भी देखें –

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क्रैंकशाफ्ट का निर्माण | Manufacture of Crankshaft

क्रैंकशाफ्ट (Crankshaft) का निर्माण एक योग्यतापूर्ण प्रक्रिया है जो इंजीनियरिंग और धातुरचना का मिश्रण होता है। निम्नलिखित हैं क्रैंकशाफ्ट के निर्माण की मुख्य चरण:

  1. डिजाइनिंग – सबसे पहले, क्रैंकशाफ्ट का डिजाइन तैयार किया जाता है। इसमें आवश्यक विशेषताओं, आकार, ढांचे, और धातु चयन शामिल होता है। डिजाइन में गणितीय मॉडलिंग, कंप्यूटर-आयोजन (CAD), और कंप्यूटर-न्यूमेरिकल कंट्रोल (CNC) का उपयोग किया जाता है।
  2. धातु चयन – उच्च गुणवत्ता के स्टील धातु चयन किया जाता है जो मजबूती, टफनेस, और धातुरचना के मानकों को पूरा करता है। सामान्यतः, निकेल-क्रोम मोलिब्डेनम या डीएसएमओ (Ductile Iron) धातु का उपयोग किया जाता है।
  3. धातुरचना – धातुरचना का उपयोग धातु को आवश्यक आकार और रचना में बदलने के लिए किया जाता है। धातुरचना के माध्यम से क्रैंकशाफ्ट की आवश्यक खुदाई, पूर्ति, और आकार प्राप्त की जाती है।
  4. रबर या मेटल बीयरिंग लगाना – क्रैंकशाफ्ट के बीच मेन और कॉनेक्टिंग रॉड बेयरिंग्स को लगाने के लिए रबर या मेटल बीयरिंग का उपयोग किया जाता है। इससे क्रैंकशाफ्ट को लंबे समय तक स्थायित्व और संचालन की गारंटी मिलती है।
  5. मशीनिंग – धातु ब्लॉक पर आवश्यक मशीनिंग प्रक्र्रिया की जाती है जिसमें प्रेसिजन इंजीनियरिंग मशीन और उपकरणों का उपयोग किया जाता है। इसमें चिप्स को हटाने, आकार को समायोजित करने, सतह को ध्यानपूर्वक रखने और अन्य आवश्यक कार्यों को पूरा किया जाता है।
  6. विश्लेषण और गुणकारी माप – निर्मित क्रैंकशाफ्ट को विश्लेषण और गुणकारी माप के तहत परखा जाता है। इससे उनकी गुणवत्ता, संगठन, और संतुलन की जांच की जाती है।
  7. सतह पर ट्रीटमेंट: कुछ मामलों में, क्रैंकशाफ्ट के धातु सतहों पर तरल मेटल या थर्मल ट्रीटमेंट का उपयोग किया जाता है। इससे धातु की मजबूती, टफनेस, और धातुरचना के मानकों को पूरा किया जाता है।
  8. गोला का बैलेंसिंग – क्रैंकशाफ्ट का गोला बैलेंसिंग करने के लिए गोले को समान वजन और वजन केंद्र वाले टंगेंशियल शारीर से लपेटा जाता है। इससे क्रैंकशाफ्ट की गति को स्थिर और संतुलित रखने में मदद मिलती है।

यहीं क्रैंकशाफ्ट का निर्माण प्रक्रिया है जिसमें धातुरचना, मशीनिंग, और अन्य चरणों का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया में उच्च गुणवत्ता, सुरक्षा, और प्रदर्शन सुनिश्चित किए जाते हैं ताकि क्रैंकशाफ्ट उच्च ड्यूरेबिलिटी और लंबी उपयोगिता की सुरक्षा दे सके।

निष्कर्ष

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FAQs What is Crankshaft in Hindi

प्रश्न: क्रैंकशाफ्ट क्या है?

उत्तर: क्रैंकशाफ्ट एक इंजन का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो इंजन के सिलेंडर में उत्पन्न होने वाली ऊर्जा को धारण करता है और इसे पंच में बदलता है। यह इंजन के चालन को संभालता है और धक्के की गति को संग्रहित करता है।

प्रश्न: क्रैंकशाफ्ट कैसे काम करता है?

उत्तर: क्रैंकशाफ्ट इंजन के सिलेंडरों के प्रेशर द्वारा उत्पन्न होने वाली ऊर्जा को पंच में बदलता है। यह ऊर्जा को पंच की गति में बदलते हुए प्रायोजित धक्कों के माध्यम से इंजन के प्रवाह को उत्तेजित करता है।

प्रश्न: क्रैंकशाफ्ट क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर: क्रैंकशाफ्ट इंजन के सही काम के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इंजन की धक्कों को उत्तेजित करता है और उन्हें उपयोगी मेकेनिकल शक्ति में बदलता है। यह इंजन की कार्यक्षमता और प्रदर्शन को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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