Welding Machine Kya Hai | Types of Welding | All ITI Information

Welding Machine Kya Hai | Types of Welding In Hindi Details | All ITI Information

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Welding Kya Hoti Hai, Welder Kise Bolte Hai, Welder Me Kya Kaam Hota Hai, Welding Machine Kya Hai, Welder Information In Hindi, Welder Details In Hindi

आज हम Welding Machine in hindi इस आर्टिकल में वेल्डिंग क्या है इसके बारे मे जानेंगे वेल्डिंग के प्रकार  (Types of welding), वेल्डिंग के फायदे और नुकसान क्या है ? साथी साथ वेल्डिंग करते समय किन बातो का ध्यान रखना चाहिए | अगर दो धातु के टुकड़ो को जोड़ना हो तब वेल्डिंग एक बोहोत ही अच्छा विकल्प है| तो चलिए इसके बारेमे पूरी जानकारी लेते है।

वेल्डिंग किसे कहते है 

वेल्डिंग का इस्तेमाल आज हर जगह किया जाता है चाहे वह कोई छोटा उपकरण बनाने के लिए हो या फिर कोई बड़ा हवाई जहाज बनाने के लिए हो. जहां पर भी दो या दो से अधिक धातुओं को आपस में जोड़ा जाता है या किसी भी एक धातु के JOINT को जोड़ा जाता है वहां पर हमेशा वेल्डिंग का ही इस्तेमाल किया जाता है अगर इसकी परिभाषा की बात करें तो वेल्डिंग की परिभाषा इस तरह हैं :- दो धातुओं को अत्याधिक तापमान पर गर्म करके किसी तीसरे धातु से जोड़ने की प्रक्रिया को वेल्डिंग कहते हैं.

जैसे एक Carpenter लकड़ी को आपस में मिलाने या जोड़ने के लिए कील और गोंद का उपयोग करता है वैसे ही एक Welder अलग अलग छड़ या धातुओं को मिलाने या जोड़ने के लिए High Current का उपयोग करता है जिसे धातु (Metal) गर्म होकर पिघल जाती है और ठंडा होकर आपस मे जुड़ जाती है।

Welding एक फैब्रिकेशन विधि है जो मुख्य रूप से धातुओं या थर्मोप्लास्टिक्स को जोड़ने के काम में आती है, जो आमतौर पर Metals के भागों को पिघलाकर किया जाता है, Welding का काम धातु को पिघलाकर उनके बीच एक बंधन बनाता है जो ठंडा होकर एक मजबूत ना टूटने वाले Joints में बदल जाता है।

लेकिन सभी धातुओं पर एक ही प्रकार की वेल्डिंग का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता इसीलिए अलग-अलग धातुओं पर और अलग-अलग जगह पर इस्तेमाल करने के लिए अलग-अलग प्रकार की वेल्डिंग का इस्तेमाल किया जाता है.

वेल्डिंग का महत्त्व (Importance of Welding Machine in Hindi )

Welding एक सबसे कारगर या कुशल प्रक्रिया है दो धातु को जोड़ने की | और यह एकमात्र ऐसी प्रक्रिया है जिसकी मदत से दो या दो से अधिक धातु को इस तरह जोड़ा जाता है की वह एक पुरे metal के part जितना ही मजबूत होता है | वेल्डिंग का इस्तेमाल जहा पर किसी चीज को बनाया जाता है या फिर ठीक किया जाता है उस जगह पर होता है |

अगर आसपास हम नजर दौड़ाये तो देख सकते है की लगभग हरचीज में metal का इस्तेमाल होता है जो की वेल्डेड  होता है याने के वेल्डिंग करके ही उसे बनाया जाता है | घर में सस्तेमाल होने वाली चीजे ,engine ,या फिर बड़ी बड़ी इमारतों से लेकर सभी तरह की वाहने , rocket engine , और electricity उत्पन्न करने वाले power plant जैसे की nuclear power plants ,hydro power plants, और AC motor, DC motor इन सभी के लिए थोड़ी बोहोत वेल्डिंग की जरुरत पड़ती है |

Types of Welding Machine / प्रकार 

Types of Welding:- वेल्डिंग के विभिन्न प्रकार क्या हैं और उनका उपयोग किस लिए किया जाता है? अगर आप Welding के अलग अलग प्रकार के बारे में कन्फ्यूज़ हैं तो आपको मैं इसके प्रकार के बारे में बता देता हूँ:-

  1. Arc Welding – आर्क वेल्डिंग
  2. MIG Welding – एमआईजी वेल्डिंग (Metal Inert Gas Welding)
  3. TIG Welding – टिग वेल्डिंग (Tungsten Inert Gas Welding)
  4. Spot Welding – स्पॉट वेल्डिंग
  5. Seam Welding – सीम वेल्डिंग
  6. Gas Welding – गैस वेल्डिंग
  7. Submerged Arc Welding – डूबी हुई वेल्डिंग
  8. Electroslag Welding – इलेक्ट्रोस्लैग वेल्डिंग
  9. Friction Welding – घर्षण वेल्डिंग
  10. Laser Welding – लेजर वेल्डिंग

गैस वैल्डिग उपकरण

गैस वैल्डिग प्रक्रम के अन्तर्गत निम्न उपकरणों एवं उपसाधनों का प्रयोग किया जाता है|

1. ऑक्सीजन सिलेण्डर
2. एसीटिलीन सिलेण्डर
3. सिलेण्डर मैनीफोल्ड
4. हाइड्रॉलिक बैक प्रेशर वाल्व
5. फ्लैश बैक अरेस्टर
6. गैस शुद्धक
7. सुरक्षा वाल्व
8. दाब रेगुलेटर या गैस रेगुलेटर
9. हौज पाइप
10. वैल्डिग टॉर्च या ब्लो पाइप
11. लाइटर या इग्नाइटर
12. सिलेण्डर ट्रॉली

6.  Electron Beam and Laser Welding

इस प्रकार की वेल्डिंग को उच्च ऊर्जा वेल्डिंग प्रक्रिया माना जाता है क्योंकि वे पुराने अधिक पारंपरिक प्रकार की वेल्डिंग की तुलना में गर्मी ज्यादा प्रदान करते है। Electron Beam Welding बिना किसी बेवल के 6 इंच स्टील में प्रवेश कर सकती है।

Laser Welding गर्मी को इतनी सटीक रूप से इंगित कर सकती है कि वेल्ड धातु को उपकरण स्टील इंजेक्शन मोल्ड गुहा पर जमा किया जा सकता है ताकि Heat Treatment को समाप्त किया जा सके और Dimensions को बहाल करने के लिए केवल न्यूनतम मशीनिंग की आवश्यकता हो।

वेल्डिंग के फायदे ( Advantages of welding ) –

  1.  दो मेटल को जोड़ने का यह सबसे सस्ता तरीका है।
  2.  यह सभी commercial metals को जोड़ देता है।
  3. इसका इस्तेमाल कहीं पर भी किया का सकता है।
  4. इसको बनानेका design आसान है।
  5. वेल्डिंग को आटोमेटिक भी कर सकते है।
  6. वेल्डिंग किसी भी आकार में और किसी भी दिशा में की जासकती है।

वेल्डिंग के नुकसान ( Disadvantages of welding) –

  1. इसकी की सतिकता वेलड पर निर्भर होती है।
  2. वेल्डिंग के बाद इंस्पेक्शन करना जरूरी होता है।
  3. ज्यादा तर वक्त बोहोत high voltage की जरुरत पड़ती है।
  4. वेल्डिंग के उपकरणो की कीमत ज्यादा होती है।
  5. इसके के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीन बोहोत भारी (bulky) होती है।
  6. वेल्डिंग करने के लिए कुशल कारीगरों की जरुरत होती है।

Personnel protection and safety rules for welding (वेल्डिंग समय इन बातो का ध्यान रखना चाहिए) –

वेल्डिंग से बोहोत सरे safety और health प्रोब्लेम्स जुड़े होते है | अगर अच्छे तरह से safety को ध्यान में रखा जाये तो वेल्डिंग करना बोहोत सुरक्षित है | 

  1. वेल्डिंग करने वाले मज़दूर को helmet पहनना जरुरी है जिसमे दोनों साइड में shield होने जरुरी है |
  2. Respirators  याने की श्वासयंत्र पहनना जरुरी है जो धुएं और ऑक्साइड को शरीर अंदर जाने से रोकती है
  3. आग प्रतिरोधक कपडे पहनने चाहिए |
  4. Gloves और boots को पहनना चाहिए |

वेल्डिंग इलेक्ट्रोड (Welding Electrode) किसे कहते हैं – वेल्डिंग रॉड (Welding Rod in Hindi) –

वेल्डिंग इलेक्ट्रोड (Welding Electrode in Hindi)

वेल्डिंग प्रक्रिया करने के लिए, इलेक्ट्रोड होल्डर के जबड़ो में पकड़े जाने वाले रॉड को ही वेल्डिंग इलेक्ट्रोड कहते हैं। यह वेल्डिंग इलेक्ट्रोड जब पिघल जाता है तो कार्यखण्ड को आपस मे जोड़ने के लिए फिलर मेटल का कार्य करता है।

वेल्डिंग इलेक्ट्रोड को एक ऐसे कोर वायर का प्रयोग करके बनाया जाता है, जिस पर कुछ रासायनिक पदार्थों का लेप चढ़ाया गया होता है। इस रासायनिक पदार्थों के लेप को  कोर वायर पर चढ़ाने की प्रकिया को फ्लक्स कोटिंग कहा जाता है। जब कोर वायर पर फ्लक्स की कोटिंग कर दी जाती है तो यह वेल्डिंग इलेक्ट्रोड बन जाता है , जिसे वेल्डिंग रॉड (Welding Rod) के नाम से भी जाना जाता है। वेल्डिंग रॉड के धातु को बाहरी वातावरण , नमी, क्षरण इत्यादि से बचाने के लिए पर फ्लक्स कोटिंग की जाती है। वेल्डिंग करते समय जब इलेक्ट्रोड जलता है तो ये एक छुर-छुरी की भांति दिखाई देता है।

वेल्डिंग इलेक्ट्रोड को बनाने के लिए राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय  मानक का प्रयोग करना पड़ता है। इलेक्ट्रोड को मानक के अनुरूप में बनाने के लिए, स्टैण्डर्ड गेज और उसमे प्रयोग होने वाले पदार्थ प्रयोग किये जाते हैं।

वर्तमान समय मे मार्केट में उपलब्ध वेल्डिंग इलेक्ट्रोड का व्यास 3.15 mm, 4.00 mm, 5.00 mm, 6.30 mm, 8 mm, 10 mm, और 12.50 mm होता है। वेल्डिंग इलेक्ट्रोड पर जितना भाग फ्लक्स चढ़ा रहता है अर्थात कोटेड भाग की लंबाई 250 mm से लेकर 450 mm के बीच मे होती है। इलेक्ट्रोड होल्डर में इलेक्ट्रोड के उसी भाग को पकड़ा जाता है जिसकी कोटिंग नही की गई होती है।

वेल्डिंग इलेक्ट्रोड के महत्वपूर्ण बिंदु

●कार्यखण्ड को आपस मे जोड़ने के लिए इलेक्ट्रोड, फिलर मेटल का कार्य करता है।

●वेल्डिंग इलेक्ट्रोड, कोर वायर धातु और फ्लक्स कोटिंग के द्वारा बनता है।

●इलेक्ट्रोड में लगे धातु को खराब होने से बचाने के लिए धातुओ पर फ्लक्स कोटिंग की जाती है।

●इलेक्ट्रोड होल्डर में इलेक्ट्रोड के उसी भाग को पकड़ा जाता है जिसकी कोटिंग नही की गई होती है।

●वेल्डिंग इलेक्ट्रोड लंबाई 250 mm से लेकर 450 mm के बीच मे होती है।

●वेल्डिंग इलेक्ट्रोड के कोर वायर का व्यास 3.15 mm से 12.50 mm होता है।

●वेल्डिंग इलेक्ट्रोड को बनाने के लिए राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय  मानक गेज का प्रयोग किया जाता है।

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