Types of Gear Box Hindi गियर बॉक्स क्या है ? गियर बॉक्स कैसे काम करता है ?
Gear Box Types In Hindi
Types of Gear Box – हेलो दोस्तों स्वागत है आप सभी का एक और नयी पोस्ट में आज जानेंगे कि गियरबॉक्स क्या है। यहाँ हम गियर बॉक्स के प्रकार ( Types of Gear Box Hindi) . गियर बॉक्स क्या है ? गियर बॉक्स का फक्शन किस तरह होता है ? कोनसा गियर बॉक्स का उपयोग कहा किया जाता है ? इसे विस्तार से समझेंगे। ऑटोमोबाइल सेक्टर में गाड़ियों में कई परिवर्तन आए जैसे की Millage का बढ़ना पावर ज्यादा देना कम फ्यूल का इस्तेमाल करके और यह सारी चीज़ तभी हो पाती है
जब इंजन के द्वारा पैदा हो रही पावर को सई तरह से गाड़ियों के चके तक पौह्चाया जाये मेरा मतलब यह है की इंजन जो पावर दे रहा है बो कितनी मात्रा में गाड़ी को कब देनी है और कौन से समय देनी है यह सब काम जो करता है बो है Gearbox
Gearbox क्या है ? और कैसे काम करता है?
गियरबॉक्स एक ऐसा डिवाइस है जो इंजन के द्वारा पैदा की गयी पावर को गाड़ी के wheels तक सई ढ़गं से भेजता है इसे आप यू समज सकते है की जब कब भी इंजन स्टार्ट किया जाता है तो उसके द्वारा पैदा होने बाली पावर और torque इतनी ज्यादा नहीं होती है किसी भी गाडी को शुरुआत से चलने लोड उठाने या चढ़ाई चढ़ते समय अधिक टार्क की जरूरत होती है । गियरबॉक्स लगाने का मुख्य कारण ये है।
कि इंजन की शक्ति यानी टार्क को बढ़ा सके । तथा गाड़ी हर अवस्था में सड़क और लोड के अनुसार चलायी जा सके। खड़ी गाडी को चलाने के लिए इंजन को काफी ताक़त की जरूरत पड़ती है। और गियरबॉक्स कितनी गुना पावर को बढ़ाता है बो गियरबॉक्स में इस्तेमाल होने बाले गियर के teeth पे निर्भर करते है।
Gearbox के पार्ट्स | गियरबॉक्स के कितने भाग होते हैं?
गियरबॉक्स के प्रकार को समझने से पहले में आपको गियरबॉक्स में इस्तेमाल होने बाले पार्ट्स के बारे में बताना चाहुँगा जिसे आप समज पाए की गियरबॉक्स में कौन से पार्ट होते है और अलग अलग गियरबॉक्स को समझने में आसानी होगी।
(1) Main Shaft
यह शाफ़्ट गियरबॉक्स का output शाफ़्ट है और यह lay shaft के parallel होता है साथ में clutch और engine output शाफ़्ट के फ्रंट में होता है और जब कभी भी हम गियर बदलते है तो बो इस शाफ़्ट के कारण ही हो पाता है क्युकी यह गियर के lever से जुड़ा रहता है।
(2) Clutch Shaft
यह इंजन output से जुड़ा रहता है और इंजन आउटपुट के engaging और disengaging भी इसी क्लच सॉफ्ट की मदद से हो पाता है।
(3) Lay Shaft
यह शाफ़्ट इंजन के द्वारा पैदा हुई पावर को main shaft तक भेजता है इस के लिए यह अपने गियर को क्लच शाफ़्ट के गियर से mesh यानि जोड़ता है।
(4) Synchromesh Shaft
यह एक special प्रकार का डिवाइस है जो modern गियरबॉक्स ( synchromesh gearbox ) में इस्तेमाल किया जाता है इसकी मदद से गियर्स बहुत smooth शिफ्ट हो पाते है और साथ में main shaft , lay shaft , और clutch shaft एक ही गति में rotate करते है जिसे यह एक दूसरे पे slide यहां फिसलते नहीं है।
(5) Gear
यह एक प्रकार की circular डिस्क होती है जिसमे उसकी circumstances यानि की बाहरी सतय पे teeth होते है गियर का सबसे ज्यादा इस्तेमाल पावर transmission में किया जाता है। अगर आपको गियर के बारे में और जाना है तो मेने उसके ऊपर पहले ही पोस्ट बना दी है उसका दिया गया है उसे आप जरूर से पढ़े।
(6) Gear Lever
गियरबॉक्स में गियर लीवर बो पार्ट है जो driver इस्तेमाल करते है गियर बदलने में कार में यह driver seat के बाए में होता है और बाइक में में भी यह बाए तरफ होता है।

गियर बॉक्स कैसे काम करता है ? How work Gear Box
गियर बॉक्स का कम्पलीट फक्शन हम ऑटोमोबाइल की एक कार से समजते है। किस तरह गियर बॉक्स काम करता है और एक गति शील उपकरण में ये कियना महत्व का रोल अदा करता है। एक फ्यूल से चलने वाली कार में इंजन होता है। इंजिन को चलाने का स्तोत्र फ्यूल है। फ्यूल के दहन से इंजिन चलता है। कार में इंजिन और कार को दौड़ने वाले व्हील के बीचमे गियर बॉक्स होता है। जो कार की गति एवं टॉर्क को कण्ट्रोल करता है।
हम अक्षर सीधे रास्ते पर कार को चलाते है, तो हमारा गियर टॉप पोजीशन में होता है। यहाँ हमें स्पीड की जरुरत है और टॉप गियर में सबसे ज्यादा स्पीड मिलती है। दूसरी तरफ हमें कोई ऊंचाई वाला रास्ता पार करना है, तो हम अक्षर गियर को पहले या दूसरी पोजीशन में ले लेते है। यहाँ हमें स्पीड की नहीं, बल की जरुरत है। टॉर्क की जरुरत है। जो हमें पहले या दूसरी पोजीशन में मिलता है।
कार में एक गियर रिवर्स भी होता हैं। हम उस पोजीशन पे गियर रखते है तो गाड़ी रेवेर्स चलती है। ऐसी स्थिति में गियर बॉक्स का डायरेक्शन चेंज हो जाता है।
Gearbox के प्रकार – Types Of Gear box in hindi
दांतो की रचना के आधार पर गियर के प्रकार | पेरेलल और नॉन इंटेरसेक्टिंग शाफ़्ट के आधार पर प्रकार | नॉन पेरेलल और इंटेरसेक्टिंग शाफ़्ट के आधार पर गियर के प्रकार | नॉन पेरेलल एंड नॉन इंटेरसेक्टिंग के आधार पर गियर के प्रकार |
एक्सटर्नल गियर | स्पुर गियर | स्ट्रैट बेवेल गियर | वर्म गियर |
इंटरनल गियर | हेलिकल गियर | स्पाइरल बेवेल गियर | हायपोइद गियर |
डबल हेलिकल गियर | मिटेर बेवेल गियर | स्केव गियर | |
हेरिंगबोन गियर | रैक एंड पिनियन गियर |
1- दातो की रचना के आधार पर प्रकार – Types of Gear Box In Hindi
External Gear | Types of Gear Box
एक्सटर्नल का मीनिंग होता है, बहार की साइड। गियर एक राऊंड चक्र है। जिस गियर में बहार की साइड ( oursite ) दाता ( टीथ ) है, उसे एक्सटर्नल गियर कहा जाता है। निचे दिए दये पिक्चर में आप एक्सटर्नल गियर देख सकते है। एक्सटर्नल गियर में दो गियर कनेक्ट किया जाता है तो, एक दूसरे के विरुद्ध दिशामे घूमते है।
Internal Gear – Types of Gear Box
इंटरनल का मीनिंग होता है, अंदर के साइड। गियर के दाता ( Teeth ) अंदर की तरह होता है उसे इंटरनल गियर कहते है। इस प्रकार के गियर को रिंग गियर भी कहा जाता है। निचे दिए गए पिक्चर में आप इंटरनल गियर सकते है। इंटरनल गियर में दो गियर को कनेक्ट किया जाये तो, दोनों गियर क्लॉक वाइज दिशामे घूमते है।
2 – पैरेलल एंड नॉन इंटरसेप्टिंग शाफ़्ट- Basis of shaft Direction Types of Gear Box Hindi
गियर बॉक्स ( Gear Box) के दोनों शाफ़्ट एक दूसरे के समांन्तर रहते हो, एक दूसरे को क्रॉस न करते हो, ऐसे गियर ड्राइव को पेरेलल एंड नॉन इंटरसेप्टिंग शाफ़्ट एक्सियल गियर कहा जाता है। गियर बॉक्स की शाफ़्ट आगे जाके एक दूसरे की शाफ़्ट को क्रॉस नहीं करता इसे नॉन इंटरसेप्टिंग कहा जाता है। इस प्रकार के गियर में स्पुर गियर, हेलिकल गियर, डबल हेलिकल गियर और हेररिंगबोन गियर आते है।
A – Spur Gear- स्पुर गियर | Types of Gear Box

स्पर गियर सीधे दाँत वाले गियर होता हैं। जिनका इस्तेमाल समानांतर अक्षों के बीच शक्ति और गति को संचारित करने के लिए किया जाता है। गति को कम करने या गति को बढ़ाने के लिए इस प्रकार के गियर का उपयोग किया जाता हैं। ये गियर हब या शाफ्ट पर लगाए जा सकते हैं। ये गियर विभिन्न आकार और डिजाइन में उपलब्ध होते हैं और विभिन्न औद्योगिक आवश्यकताओं को पूरा करने के इन गियर का प्रयोग किया जाता है। हम उदाहरण की बात करे तो गन्ने का रस बनाने वाली machine में इसका उपयोग किया जाता हे, इसके अलावा इसका उपयोग हम ELECTRIC SCREWDRIVER, OSCILLATING SPRINKLER, WINDUP ALARM CLOCK , WASHING MACHINE & CLOTHS DRYER जैसी चीजों में करते हे।
B – Helical Gear- हेलिकल गियर | Types of Gear Box

हेलीकल गियर दिखने में इस स्पर गियर के समान ही होते हैं फर्क केवल इतना होता है स्पर गियर में दांते सीधे होते हैं। जबकि हेलीकल गियर में दांते एक विशेष एंगल में बने होते हैं। स्पर गियर के दांते सीधे होने के कारण जो ताकत लगती है वह एक ही दांत से लगती है और आवाज ज्यादा करते हैं। जबकि हेलीकल गियर के दांते एंगल में होने के कारण ज्यादा दांते आपस में संपर्क/टच में रहते हैं और आवाज भी नहीं करते।इन गियर का प्रयोग भी समांतर शाफ्टों में किया जाता है। हेलिकल गियर का उपयोग प्रिंटिंग मशीन, रोलिंग मिल, टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज, फ़र्टिलाइज़र इंडस्ट्रीज जैसी जगह पे किया जाता है।
C – Double Helical Gear- डबल हेलिकल गियर | Types of Gear Box

डबल हेलिकल गियर सिंगल हेलिकल गियर की तरह ही होता है। सिंगल रचना को दुगनी की जाती है, इसीलिए इसे डबल हेलिकल गियर कहते है। इस प्रकार के गियर में शाफ़्ट के ऊपर दो एंगल में दाता होता है। सिंगल हेलिकल गियर की तुलना में डबल हेलिकल में ज्यादा टॉर्क मिलता है। इसका उपयोग हम एक्सियल थ्रस्ट को कम करने के लिए किया जाता है। डबल हेलिकल गियर(Double Helical Gear) का उपयोग गैस टरबाइन, पावर ट्रांसमिशन, जनरेटर परिमूवर , कंप्रेसर, और मरीन ड्राइव में किया जाता है।
D – HerringBone Gear- हेररिंगबोन गियर | Types of Gear Box
हेररिंगबोन गियर देखने में डबल हेलिकेन गियर की तरह ही दीखता है। पर यहाँ बहुत बड़ा अंतर है। डबल हेलिकल गियर में दोनों teeth के बीचमे गैप होता है। जब की हेररिंगबोन गियर के टीथ में गैप नहीं होता। इस प्रकार के गियर की रचना बहुत कम्प्लीकेटेड और स्पेशल है। इसीलिए इसे स्पेशल केस में ही इस्तेमाल किया जाता है। हेररिंगबोन गियर का सिंगल रोड ( Bar ) ही दोनों तरफ के teeth का एंगल बनाते है। इस प्रकार का गियर हाई लोड पे काम करता है। और इसके रोटेशन से हेलिकल की तुलना में आवाज भी कम होता है।
3 – नॉन पेरेलल एंड इंटेरसेक्टिंग शाफ़्ट एक्सियल Types of Gear Box
नॉन पेरेलल मतलब जो समांन्तर नहीं है। इसमें शाफ़्ट का एक्सियल एक दूसरे के क्रॉस होता है। इसीलिए इसे नॉन पेरेलल इंटेरसेक्टिंग शाफ़्ट एक्सियल कहा जाता है।
इस प्रकार में स्ट्रेट बेवेल गियर, स्पाइरल बेवेल गियर और मिटेर बेवल गियर होता है।
A – Stright Bevel Gear- स्ट्रैट बेवेल गियर | Types of Gear Box
इस प्रकार के गियर में टीथ ( दाता ) शाफ़्ट के समांन्तर सीधा होता है। किसी डिग्री में नहीं होता। इसीलिए इसे Straight Bevel Gear कहते है।
B -Spiral Bevel Gear- स्पाइरल बेवेल गियर | Types of Gear Box

स्ट्रैट बेवेल और स्पाइरल गियर का उपयोग लगभग एक जैसा ही है। इसमें मुख्य अंतर दाता ( Teeth ) की रचना में। स्ट्रैट बेवेल में दाता सीधा होता है। जबकि स्पाइरल गियर में दाता की रचना कम्प्लीकेटेड होता है। एक एंगल से बनाया जाता है। स्ट्रैट बेवल गियर की तुलना में इसमें वाइब्रेशन कम होता है। और आवाज भी कम होता है। इस प्रकार के गियर बॉक्स जहा हाई स्पीड और हाई टॉर्क की जरुरत होती है वहां किया जाता है।
C – Miter Bevel Gear- मिटेर बेवेल गियर | Types of Gear Box
मिटेर बेवेल गियर दिखने में स्ट्रैट बेवेल गियर की तरह ही होता है। इसमें भी टीथ की रचना सीधी होती है। गियर की शाफ़्ट एक दूसरे को 90 डिग्री पे क्रॉस करती है। मिटेर बेवेल गियर में दोनों गियर की टीथ ( दाता ) की संख्या सेम होती है। और ये गियर सिर्फ 90 डिग्री पर ही पावर का ट्रांसमिशन कर सकता है। मिटेर बेवेल गियर का उपयोग कूलिंग टावर, लोकोमोटिव, पावर प्लांट, स्टील प्लांट और रेलवे ट्रैक इंस्पेक्शन मशीन में होता है।
4- नॉन पेरेलल एंड नॉन इंटेरसेक्टिंग शाफ़्ट गियर Types of Gear Box
नॉन पेरेलल एंड नॉन इंटेरसेक्टिंग गियर ,इसकी शाफ़्ट समांतर में भी नहीं है और एक दूसरे के साथ क्रॉस भी नहीं हो रही है।
इसमें चार प्रकार के गियर होते है।
A- Worm Gear- वर्म गियर | Types of Gear Box

वर्म एक गोलाकार शाफ्ट होती है। जिसके डायमीटर पर विशेष चूड़ियां कटी होती है। इसका प्रयोग ऐसे वर्म व्हील पर किया जाता है जिसके दांते वर्म शाफ्ट पर मेश करते हैं। इनका प्रयोग ऐसी जगह किया जाता है जहां पर दो शाफ्टें आपस में एक दूसरे को क्रॉस करती हो। इसके द्वारा गति को क्रॉसवाइज ट्रांसमिट (Crosswise Transmit) किया जाता है। इसके द्वारा मशीन की गति को कम किया जाता है। इस प्रकार की गियर का उपयोग भार उठाने वाली मशीनों और इंडेक्सिंग हैड (Indexing head) में किया जाता है।
B- Hypoid Gear- हायपोइद गियर | Types of Gear Box
हाइपोइड गियर देखने में बिवेल गियर के जैसा ही होता है फर्क सिर्फ इतना होता है इसके दांते तिरछे लेकिन घुमावदार होते हैं। इसके साथ केवल हाइपोइड पिनियन का ही प्रयोग होता है। इसका प्रयोग भी गति को होरिजेंटल सॉफ्ट से वर्टिकल साथ में पहुंचाने के लिए किया जाता है। Hypoid Gear प्रकार के गियर का उपयोग ऑटोमोबाइल और ट्रैन में किया जाता है।
C – Skew Gear- स्केव गियर | Types of Gear Box
Skew Gear बिलकुल हेलिकल गियर की तरह दीखता है। हेलिकल गियर की शाफ़्ट पेरेलल होती है। पर इसी गियर को शाफ़्ट पेरेलल में न रहे इस तरह फिट किया जाये तो, ये स्कू गियर हो जायेगा। स्कू गियर की शाफ़्ट एक दूसरे को क्रॉस नहीं करती और पेरेलल में भी नहीं होती। Skew Gear का उपयोग पावर जनरेशन प्लांट में ज्यादा किया जाता है।
D – Rack and Pinion Gear- रैक एंड पिनियन गियर | Types of Gear Box

इस GEAR का उपयोग ऑटोमोबाइल के स्टीयरिंग सिस्टम पर किया जाता हे। इस GEAR को एक सीधी रेखा वाले TEETH पर एक ज्यामिति पर काटा जाता हे। इसका उपयोग हम गति को ट्रांसमिशन करने के लिए करते हे। इसका उपयोग बाकियो के मुकाबले अधिक होता हे। बेसिकली यह एक spur gear का ही type हे, क्युकी इसके टीथ जो होते हे वह एकदम स्ट्रैट होते हे। इसका जो छोटा गियर होता हे उसे हम pinion gear कहते हे, और बड़ा गियर rack की फोम में होता हे।
गियर बॉक्स से आवाज आना
आपने कभी देखा होगा की गियर बॉक्स का अधिक समय निरंतर चलने से उसमें कुछ खराबियांआती है जिनका समाधान जरूरी है । जिनमे से एक है गियर बॉक्स से आवाज आना जिसके कुछ कारण निम्नलिखित हैं
कारण समाधान
1 . गियरों के दांत टूट गए हैं खराब गियरों को बदलें
2 . गियरबॉक्स बियरिंग खराब है या टूट गयी है – बियरिंग की जांच करें और ख़राब बियरिंग को बदल दें
3 . गियर बॉक्स इंजन की सीध में नहीं है – गियरबॉक्स की जांच करें की वो इंजन की सीध में हो
4 . सिंक्रोनाइज़ रिंग घिस गयी है या टूट गयी – रिंग को बदल दें
5 . गियरबॉक्स में लुब्रिकेशन की कमी है – गियर बॉक्स में गियर आयल भर दें
गियर आयल लीक करने पर
कारण समाधान
1 . गियरबॉक्स में आयल अधिक है – निश्चित सतह तक आयल भरें
2 . ड्रेन प्लग वाशर कट गया है – इसके स्थान पर दूसरा वाशर बदलें
3 . गियर हाउसिंग में छेद है – दोष की जाँच करके इसकी मरम्मत करें
4 . गियर बॉक्स आयल सीट कट गयी है – आयल सीट को बदल दें
5 . ड्रेन प्लग की चूड़ी कटी है या ख़राब है – इसके स्थान पर दूसरा ड्रेन प्लग बदलें
गियर शिफ्ट करने में कठिनता होती है
कारण समाधान
1 . गियर के दांत टूटे हैं – गियर को बदलें
2 . गियर बॉक्स में लुब्रिकेशन की कमी है – निश्चित मात्रा में गियर आयल भरें
3 . गियर सलेक्टर मेकेनिज़म में खराबी है – जांच करके उपचार करें
4 . में शाफ़्ट की खांचे ख़राब हो गए हैं – इस स्तिथि में नयी मैं शाफ़्ट बदलें
5 . क्लच सही से डिसएंगेज नहीं हो रहा है – क्लच सही प्रकार से एडजस्ट करें
गियर शिफ्ट करने बाद अपने आप निकल जाता है
कारण समाधान
1 . गियरों के दांत नुकीले है या खराब हो गए हैं – ख़राब हुए गियरों को बदल दें
2 . गियर टेढ़े हैं – इस प्रकार के गियरों को बदल दें
3 . गियर सलेक्टर की स्प्रिंग टूट गयी है या कमजोर हो गयी है – सलेक्टर शाफ़्ट की स्प्रिंग को बदल दें
4 . गियर लिंको का एडजस्टमेंट ख़राब है – जांच करके एडजस्टमेंट सही करें
उम्मीद है आपको गियर बॉक्स में कुछ होने वाले दोष और उनके उपचार पर कुछ जानने को मिला हो
Types of Gear Box Hindi – तो दोस्तो उम्मीद है आज आपके What is Gear and Types of Gear Box से जुड़े कई सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपके अभी भी कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।
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