Fitter Common Hand Tools Name In Hindi Information

ITI Fitter Common Hand Tools Name In Hindi Information Types And Uses

स्टील रूल क्या है? स्टील रूल के प्रकार

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Steel Tape Rule – इसका प्रयोग ज्यादातर लम्बी दूरी को मापने के लिए किया जाता हैं इस स्टील टेप रूल को कई भी आसानी से ले जा सकते हैं इसमें एक स्टील का फ्लेक्सीबल रूल होता हैं इसकी लम्बाई 6 फुट होती हैं इससे टेड़ी मेडी सतह का माप आसानी से मापा जाता हैं.

Steel Rule – यह भी एक माप लेने वाला ओजार हैं यह स्टेनलैस स्टील या स्प्रिंग स्टील का बना होता हैं यह विभिन्न साइज मे मिलता हैं जिसका प्रयोग वर्कशॉप में किसी जॉब की मापों की माप लेने या मापों को चेक करने के लिए किया जाता है। इस पर इंच और सेमी के निशान बने होते हैं, प्रत्येक इंच 1/2,1/4,1/8,1/16,1/64 बराबर भागों में बाँटा जाता है और प्रत्येक सेमी को 1मिमी, 1/2मिमी में बाँटा जाता है।

Hook Rule – इस प्रकार के स्टील रूल के एक सिरे पर हुक लगी होती है इसीलिए इसे हुक रूल (Hook rule) कहते हैं हुक के कारण इसके द्वारा किसी भी सुराग (Hole) या पाइप के अंदर के किनारों की आसानी से माप ली जाती है। इसका प्रयोग इंसाइड कैलीपर, डिवाइडर (Divider) को सेट करने के लिए किया जाता है यह प्रायः 12 इंच या 30 सेमी लंबाई तक पाए जाते हैं।

आउट साइड कैलीपर, इनसाइड कैलीपर, डिवाइडर, जैनी कैलीपर क्या हैं ? इनकी जानकारी

आउटसाइड कैलिपर क्या है? (Outside Caliper Definition In Hindi)

एक अप्रत्यक्ष मापी टूल है जिसका उपयोग जॉब की बाहरी माप लेने के लिए किया जाता है उसे आउटसाइड कैलिपर (Outside Calliper) कहते हैं इसके द्वारा जॉब को माप लेने के बाद स्टील रूल से चैक करते हैं कि जॉब कितने साइज का है। तथा इसके वर्किंग पॉइंट अंदर की तरफ मुड़े होते हैं और आगे से केस हार्ड होते हैं ताकि जल्दी ना घिस सके.

मैटीरियल – यह माइल्ड स्टील का बना होता हैं.

इनसाइड कैलीपर क्या है ? (Inside Caliper Definition In Hindi)

यह भी एक अप्रत्यक्ष मापी टूल है इसके द्वारा अंदर का माप मापा जाता हैं इसके वर्किंग पॉइंट बाहर की तरफ मुड़े होते हैं व केस हार्ड होते हैं क्योंकि इसके द्वारा माप लेने पर हमें यह पता नहीं लगता है कि मापा गया स्लॉट की चौड़ाई या अंदरूनी व्यास कितने साइज का है। इसलिए स्लॉट की चौड़ाई या अंदरूनी व्यास की माप लेने के बाद कैलिपर को स्टील रूल से चैक किया जाता है। तो पता लगता है कि स्लॉट की चौड़ाई या अंदरूनी व्यास इतने साइज का है।

मैटीरियल – यह हाई कार्बन स्टील या माइल्ड स्टील के बनाए जाते हैं।

डिवाइडर क्या हैं ? (Divider definition in Hindi)

इसमें 150 मी.मी त्रिज्या तक के बृत और चाप लगाए जाते हैं तथा इसके द्वारा सीधी रेखा को बराबर भागों मे बांटा जाता हैं यह एक प्रकार का मार्किंग टूल है। इसकी दो टाँगें होती हैं जिनके सिरे (Point) नुकीले अर्थात् तेज धार वाले होते हैं इसके वर्किंग पॉइंट केस हार्ड होते हैं.

मैटीरियल – यह माइल्ड स्टील का बना होता हैं.

जैनी कैलीपर क्या हैं ? (Jenny Cliper Definition In Hindi)

यह एक मार्किंग टूल हैं इसका प्रयोग फिटिंग शाप मे धातु की सतह पर समान्तर लाइन लगाने के लिए किया जाता हैं इसकी दो टाँग होती हैं इसकी एक टाँग सीधी और आगे से तेज़ नोकदार होती हैं और दूसरी टाँग आगे से 10 मी.मी. के रेडियस मे 90 डिग्री के कोण पर मुड़ी रहती हैं मुड़ी हुई टाँग को ही जॉब की सतह के साथ सटाकर ही मार्किंग की जाती हैं.

मैटीरियल – यह माइल्ड स्टील का बना होता हैं.

स्निप क्या हैं ? (Snip Definition In Hindi)

यह एक हैण्ड कटिंग टूल हैं इसका प्रयोग पतली शीट और सरिया काटने के लिए किया जाता हैं इसको हम साधारण भाषा मे कैंची बोलते हैं यह हैं कार्बन स्टील की बनी होती हैं इसकी धार 80 डिग्री के कोण पर ग्राइंड होती है इसका साइज 300 मी.मी. होता हैं.

स्निप के प्रकार (Types Of Snip)

यह दो प्रकार की होती हैं –

  • स्ट्रैट स्निप
  • बैन्ट स्निप

स्ट्रैट स्निप – इसकी धार सीधी रेखा मे होती हैं इसका प्रयोग पतली शीटो को सीधी रेखा मे या बड़े घुमावो मे काटने के लिए किया जाता हैं.

बैन्ट स्निप – इसे कवर्ड स्निप भी कहते हैं इसकी धार गोलाई मे होती हैं इसका प्रयोग शीटो को छोटी छोटी गोलाई मे काटने के लिए किया जाता हैं.

शीयर – यह एक प्रकार का स्निप हैं लेकिन साइज 300 मी.मी से बड़ा होता हैं इसका प्रयोग स्निप की अपेछा बड़े साइज़ 6 मि.मी. तक मोटी चादर और 12 मि.मी. व्यास तक के सरिये काटने ke लिए किया जाता हैं यह भी हाई कार्बन स्टील की बनी होती है इसकी धार 80 डिग्री के कोण पर ग्राइंड होती है.

हैक्सॉ क्या है (Hack Saw Definition In Hindi)

यह एक प्रमुख कटिंग टूल है इसके द्वारा धातु को आसानी से काटा जाता है वर्कशॉप मे विभिन्न जॉब्स एवं मेटेरियल को निशित आकार मे काटने के लिए हैक्सॉ का प्रयोग किया जाता है. अगर हैक्सॉ को चलाते समय उसका फ्लाइंग नट को सही से नहीं कसा तो किसी चीज को काटते समय ब्लेड टूट सकता है.

इसके दो प्रमुख दो भाग होते है

  1. फ्रेम
  2. ब्लेड

फ्रेम – इसका फ्रेम माइल्ड स्टील की पत्ती या conduite Pipe का बना होता है इसकी आकृति अंग्रेजी के C अछर के आकार की होती है इसके एक सिरे पर हैंडल और फिक्सड पिन तथा दूसरे सिरे पर स्लाईडिंग स्क्रू की पिन के बीच मे ब्लेड फिट करते है फ्रेम मे 150 मि.मी. से 300 मि.मी. तक के ब्लेड बांधे जाते है.

हैक्सॉ फ्रेम के प्रकार (Type of Hacksaw Frame)

सॉलिड फ्रेम – इस फ्रेम मे केवल एक है साइज का ब्लेड फिट होता है 300 MM फ्रेम मे इससे कम या अधिक साइज का ब्लेड फिट नहीं किया जा सकता है।

एडजस्टटेबल हैक्सॉ फ्रेम – इस फ्रेम मे अलग अलग साइज के ब्लेड बांधे जाते है इसे अलग अलग साइज मे समायोजित किया जा सकता है. एडजस्टेबल हेक्सा फ्रेम दो टुकड़ों (Parts) में बना होता है एडजस्टेबल स्क्रू की ओर के भाग में ग्रूव (Groove) बने होते हैं इसमें फ्रेम की लंबाई को एडजस्ट (Adjust) किया जा सकता है। इस फ्रेम में 200 से 300 मिमी तक के ब्लेड उपयोग किए जा सकते हैं।

डीप कटिंग हेक्सा फ्रेम – यह ‘U’ shape में होता है, यह भी फिक्स्ड हेक्सा फ्रेम की भाँति एक ही लम्बाई के ब्लेड को प्रयोग करने के लिए बनाया गया फ्रेम है। परन्तु इसकी गहराई (Depth) बहुत अधिक रखी जाती है जिससे यह गहराई तक काटने पर भी जॉब मे नहीं अटकता।

ब्लेड – यह हैक्सॉ का दूसरा भाग है जिसके द्वारा धातु की कटाई की जाती है यह टंगस्टन स्टील या अलाय स्टील का बना होता है यह 150 मि.मी. से 300 मि.मी. तक होता है इसके दोनों किनारों पर दो सुराख होते है इन सुराखो के सेंटर से इसकी लम्बाई या साइज लिया जाता है इसके एक किनारे पर जब दाते कटे होते है तो उसे सिंगल एज ब्लेड और जब दोनों किनारों पर दाते कटे होते है तो डबल एज ब्लेड कहते है.

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