Diesel Generator क्या है ? DG Kya Hota Hai | DG Parts Name

Diesel Generator

Diesel Generator क्या है ? DG Kya Hota Hai | DG Parts Name In hindi Information

आज की पोस्ट में हम Electrical Help की इस पोस्ट में DG Kya Hota Hai और DG Parts Name के बारे में जानेंगे। साथ ही आपको Diesel Generator (DG) में कौनसे पार्ट का क्या काम होता है यानी Diesel Generator (DG) के पार्ट्स की working भी बताएंगे। Puri Jankari Hindi Me

डीजल जनरेटर का उपयोग हम लोग इलेक्ट्रिसिटी तैयार करने के लिए यानी कि बिजली बनाने के लिए करते हैं । जिसमें डीजल डालकर बिजली बनाई जाती है । तभी तो हम बिजली के चले जाने के बाद इलेक्ट्रॉनिक के उपकरणों को चला पाते हैं जैसे कि पंखा, लाइट बल्ब इत्यादि । आगे हम यही जानेंगे कि डीजल जनरेटर क्या होता है और यह कैसे काम करता है ।

DIESEL GENERATOR क्या है?

Diesel generator जिसे ज्यादातर DG नाम से जाना जाता है। इसका उपयोग उन जगहों पे होता है जहा पर बिजली यानी Electrical Power की दिक्कत रहती है, या बिल्कुल ही नहीं मिल पाती है, इसके अलावा इसका उपयोग इमरजेंसी में बिजली जरूरत के लिए भी किया जाता है। जैसे किसी कंपनी में अगर पावर ग्रिड से सप्लाई मिल रही है और वह किसी कारण से कट जाती है तो उस समय इमरजेंसी में कंपनी के उपकरण चलाने के लिए हम diesel generator का उपयोग लेते है।

जैसा कि इसके नाम से ही पता लगता Diesel Generator (DG) ऐसा उपकरण है जोकि डीज़ल इंजन और जनरेटर को जोड़कर बनाया गया है। इसी वजह से इसका नाम भी दोनों को मिक्स करके diesel generator रखा गया है। Diesel Generator (DG) के अंदर एक डीजल का इंजन लगा होता है जोकि डीजल को जलाके Mechnical Power पैदा करता है।

अब इस Mechnical Power से किसी भी उपकरण को घुमाया जा सकता है। अब इस डीजल इंजन के साथ में जनरेटर को जोड़ दिया जाता है जिसको अल्टरनेटर कहते हैं, और जैसा की आपको पता है अल्टरनेटर के घूमने से हमे Electrical Power पैदा होती है। तो इसी तरह Diesel Generator (DG) काम करता है।

इसका उपयोग आपको कई जगह देखने को मिल जाता है जैसे- सभी तरह के उद्योग टेक्सटाइल कंपनी, माइनिंग, अस्पताल, ऑफिस और साथ मे कई घरो में भी इसका उपयोग होता है। मतलब जहा भी हमको बिजली की इमरजेंसी में आवश्यकता होती है वहाँ पर हम diesel generator का उपयोग करते हैं।

Diesel generator के प्रकार

Diesel Generator को उपयोग के आधार पर 3 भागो में बांटा गया है।

  1. Portable Generator (पोर्टेबल जनरेटर)
  2. Inverter Generator (इन्वर्टर जनरेटर)
  3. Standby Generator (स्टैंडबाय जनरेटर)

Portable Generator का उपयोग मुख्य रूप से छोटे उपकरणों को चलाने के लिए किया जाता है। यह जनरेटर Electrical पावर देने के लिए गैस, केरोसिन, पेट्रोल और डीजल इन सबका फ्यूल के रूप में इस्तमाल करते है।

Portable Generator बिजली की जरूरत को ऊर्जा करने के लिए टेम्परेरी रूप उपयोग में लिया जाता है।

Inverter Generator- यह जनरेटर बिजली उत्पन करने के लिए अल्टरनेटर की सहायता लेता है, जोकि डीजल इंजन से जुड़ा होता है। लेकिन इस इन्वर्टर जनरेटर में अंतर यह होता है की यह हमे इलेक्ट्रिसिटी तीन चरण से निकाल कर देता है। Inverter Generator में सबसे पहले

Electrical Power AC की फॉर्म में पैदा होती है, इसके बाद AC को DC में बदला जाता है और फिर आखरी में इस DC को फिरसे AC सप्लाई में बदलके उपयोग में लिया जाता है।

Standby Generator का उपयोग ज्यादातर उद्योगों, बड़े ऑफिस या जहाँ बिजली की खपत ज्यादा हो वहां किया जाता है। अधिकतर मामलों पर यह Standby Generator ही होते है। यह Standby Generator इमरजेंसी बिजली सप्लाई बाधित होने पे बिजली की आपूर्ति के लिए उपयोग लिए जाते है। यह काफी ज्यादा KVA पावर के मार्किट में उपलब्ध हो जाते है।

जनरेटर के घूम जाने के बाद बिजली कैसे तैयार होती है – जनरेटर जो कि तीन कॉम्पोनेन्ट को जोड़कर बनाया जाता है जैसे कि तांबा, परमानेंट चुम्बक और रॉड । रॉड के आसपास थोड़ी दूर coil लगाई जाती है । coil वो होती है जब ताम्बे को किसी चीज़ के ऊपर अधिक मात्रा में लपेटकर बाहर निकाला जाए तो वह coil बनती है जिसे वाइंडिंग या इंडक्टर भी कहते हैं ।

coil को अलग-अलग जगह में लगाया जाता है जैसा कि आप चित्र में देख सकते हैं । जिसके बीच में रॉड के आसपास परमानेंट चुम्बक लगा होता है । चुम्बक का प्रभाव इस coil यानी कि वाइंडिंग पर पड़ता है यानी कि इसका मैग्नेटिक फील्ड इस coil के अंतर्गत आता है जिससे जब रॉड घूमती है तब इसका मैग्नेटिक फील्ड coil में पड़ने या गुज़रे से करंट पैदा होने लगता है और वही करंट बाहर आता है । 

नोट – जनरेटर के अंदर चुम्बक और coil अलग-अलग हिसाब से लगाई जाती है यानी कि कुछ जनरेटर में coil को रॉड के ऊपर लगाया जाता है जबकि चुम्बक को रॉड के आसपास और कुछ जनरेटर में चुम्बक को रॉड के ऊपर लगाया जाता है और coil को चुम्बक के आसपास थोड़ा दूर रखा जाता है ।

Diesel Generator parts के नाम

डीजल जनरेटर के अंदर मुख्य पार्टस निम्नलिखित हैं।

  1. डीजल टैंक (Diesel Tank)
  2. फ्यूल वाॅटर सेपरेटर (Fuel Water Separator)
  3. फ्यूल फिल्टर/आयल फिल्टर (fuel filter/oil filter)
  4. एक्टुयटर (Actuator)
  5. इंजन(Engine)
  6. लूबरीकेन्ट आयल फिल्टर ( Lubricant Oil Filter)
  7. प्राइमरी लूब ऑईल पम्प ( Primary Lubricant Oil Pump)
  8. कूलैंट टैंक (coolant tank)
  9. रेडिएटर और फैन(Radiator and Fan)
  10. कन्ट्रोल पेनल/पावर केम्प( Control Panel/Power Camp)
  11. एयर फिल्टर (Air Filter)
  12. टर्बो चार्जर (Turbo Charger)
  13. साईलेन्सर (Silencer)
  14. कपलिंग (Coupling)
  15. अलटरनेटर (Alternator)
  16. ऑटोमेटीक वोल्टेज रेगुलेटर (Automatic voltage regulator)
  17. एक्सीटर (Exciter)
  18. बैटरी (Battery)
  19. क्रेंक मोटर/स्टार्टर मोटर (Cranking Motor/Starter Motor)
  20. गवर्नर (Governor)
  21. फ्लायविल (Flywheel)
  22. सर्किट ब्रेकर (Circuit Breaker)

डीजल जनरेटर का उचित रखरखाव से लाभ

आप जान ही गए होंगे की आज के समय में हमारे लिए बिजली की आपूर्ति कितनी जरूरी है? इसलिए थोड़ी देर के लिए भी बिजली चली जाने पर हमारा जीवन, काम और अन्य जरूरी स्थितियां पूरी तरह अस्त व्यस्त हो जाती है। यदि आप एक व्यापार से सम्बंधित है। तो आपके लिए बिजली जाने का मतलब व्यवसाय में नुकसान, और मुनाफे की कमी के साथ ही आपकी साख पर ऊँगली उठना है।

इन सभी स्थितियों से बचने के लिए अतिरिक्त पावर बैकअप बहुत जरुरी है जिससे काम और जीवन सुचारू रूप से चलता रहें। साथ ही यह बैकअप प्रणाली जरुरत के समय अपनी पूरी क्षमता पर बिजली उत्पादन से निरंतर आपूर्ति प्रदान करे, इसके लिए डीजल जनरेटर का उचित रखरखाव बहुत जरूरी होता है। जिससे यह इस्तेमाल के दौरान फेल न हो, और आपके पैसे / समय की हानि को बचा सकें।

समय पर डीजल जनरेटर का उचित रखरखाव करने से निम्नलिखित लाभ होते है –

  • जरुरत के समय तुरंत बिजली आपूर्ति
  • जेनरेटर का जीवनकाल बढ़ जाना
  • लम्बे समय तक निरंतर ऊर्जा प्राप्ति
  • पुर्जों को जल्दी बदलने की जरुरत नहीं
  • सभी प्रणालीयों का बेहतर संयोजन
  • अधिक ईंधन कुशलता और बचत
  • दुर्घटना की संभावना को कम करे
  • आग लगने के खतरे को कम करता है
  • इस्तेमाल से पहले ही कमियां पता होना
  • जिससे उन्हें तुरंत ठीक किया जा सके
  • अचानक शटडाउन होने से रोकता है

डीजल जनरेटर पार्ट्स और उनकी वर्किंग

डीजल टैंक (Diesel Tank/Day Tank) – डीजल टैंक जिनको Day Tank के नाम से भी जाना जाता है, इसका उपयोग डीजल को स्टोर करने के लिए किया जाता है। ज्यादतर डीजल टैंक 500 से 1000 लीटर के लिए बनाए जाते हैं। इसके अलावा डीजल टैंक की लिटर कैपेसिटी इस बात पर डिपेंड करती है कि इलेक्ट्रिकल पावर का Backup कितना रखना हैं।

फ्यूल वाटर सेपरेटर(Fuel Water Separator) – कई बार डीजल जनरेटर को खुली जगह पर रखा जाता है। जब बारिश का मौसम आता है तो पानी फ्यूल में मिलने का डर रहता है। तो इसी समस्या से बचने के लिए Fuel Water Separator को उपयोग लेते है। इसका काम फ्यूल में से पानी को अलग करना होता है।

वाटर सेपरेटर (Fuel Water Separator) – बहुत बार डीजल जनरेटर के ईंधन में पानी मिल जाता है, जिसके बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे कि खुली जगह पर रखे होने के कारण बारिश का  पानी फ्यूल में मिल जाता है, या कभी डीजल में मिलावट के कारण भी ऐसा होता है। तो इस समस्या को दूर करने के लिए Water Separator का उपयोग करते हैं। इसका काम ईंधन में से पानी को अलग करना होता है।

एक्टुयटर(Actuator) – एक्टूयटर की सहायता से हमें यह पता चलता है कि डीजल जनरेटर के इंजन में लोड के अनुसार कितना डीजल डालना है। इसकी वजह से फ्यूल वेस्ट की समस्या को काफी हद तक कम किया जाता है।

इंजन (Engine) – इंजन का काम डीजल को जलाके मैकेनिकल पावर बनाके अल्टरनेटर को देना होता है। जिससे अल्टरनेटर इस मेकेनिकल पावर को इलेक्ट्रिकल पावर में बदल के हमे इलेक्ट्रिसिटी प्रोवाइड कर देता है।

लुब्रिकेंट ऑयल फिल्टर(Lubricant oil Filter) – लुब्रीकेंट ऑयल का इस्तेमाल फ्रिक्शन को कम करने के लिए होता है। अगर कभी लूब ऑयल में कोई छोटा मोटा कचरा जमा हो जाता है तो उसे निकालना का काम यह लुब्रिकेंट ऑयल फिल्टर करता है।

प्राइमरी लुब्रिकेंट ऑयल पंप (Primary Lubricant Oil Pump) – प्राइमरी लुब्रिकेंट ऑयल पंप का उपयोग लुब्रिकेंट ऑयल को इंजन के हर हिस्से तक पहुंचाने के लिए किया जाता है।

कुलेन्ट टैंक(Coolant Tank) – जब इंजन चलता है तो उसके अंदर होने वाले मोमेंट से लुब्रिकेंट ऑयल भी फ्रिक्शन होता है जिससे यह लुब्रिकेंट ऑयल गरम हो जाता है। इस लुब्रिकेंट ऑयल को ठंडा करना बहुत ही जरूरी होता है। उसको ठंडा करने के लिए पानी(डिस्टिल वाटर) और कूलैंट का उपयोग होता है। और उसी डिस्टिल वाटर और कूलैंट को स्टोर करने के लिए ही कुलेन्ट टैंक का उपयोग होता है।

रेडिएटर एंड फैन (Radiator And Fan) – जैसा कि अभी आपको बताया था जब इंजन ज्यादा समय तक चलता है तो इंजन गर्म हो जाता है तो कूलेंट से उसकी ठंडा किया जाता है, जिसके कारण कूलेंट भी बहुत गर्म हो जाता है। तो कूलेंट को फैन और रेडियेटर की मदद ठंडा किया जाता है।

कंट्रोल पैनल/पावर कैंप(Control Panel/Power Camp) – इसकी सहायता से हम डीजल जनरेटर को ऑन और ऑफ कर सकते हैं। इसके ऊपर एक डिस्प्ले होता है, जिसमें हम डीजी का आउटपुट वोल्टेज, फ्रीक्वेंसी, एम्पेयर आदि देख सकते हैं।

एयर फिल्टर (Air Filter) – Diesel Generator (DG) के इंजन को चालू के लिए डीजल के साथ हवा की भी जरूरत होती है। जिसके लिए हम बाहर की हवा को उपयोग में लेते है। तो इस हवा में बहुत से डस्ट और अन्य कण भी होते हैं, तो इन्ही कणों को रोकने के लिए ही एयर फ़िल्टर का उपयोग किया जाता है।

टर्बो चार्जर(Turbo Charger) – टर्बो चार्जर का काम एयर फिल्टर होने के बाद उसको इंजन में डालना होता है। इसके साथ ही turbo charger का काम इंजन में बनने वाली कार्बन डाइऑक्साइड को इंजन से बाहर निकालना भी होता है।

साइलेंसर (Silencer) – जब Diesel Generator (DG) चलता है तो वह बहुत ही शोर करता है, जो इंसानो और जानवरों दिनों के लिये ही खतरनाक साबित हो सकता है। तो इसी आवाज को कम करने के लिए और साथ ही डीजल जलने के बाद बचे हानिकारक भारी कणों को हवा में मिलने से बचने के लिए ही साइलेंसर का उपयोग होता है।

कपलिंग(Coupling) – इंजन व अल्टरनेटर को कपल करने के लिए कपलिंग का उपयोग होता है। जब इंजन घूमता है, तो कपलिंग की वजह से उसके साथ अल्टरनेटर भी घूमता है।

अल्टरनेटर (Alternator) – इलेक्ट्रिसिटी को बनाने के लिए अल्टरनेटर का उपयोग होता है। Diesel Generator (DG) में लगाया जाने वाला अल्टरनेटर ब्रशलैस अल्टरनेटर होता है।

ऑटोमेटिक वोल्टेज रेगुलेटर(AVR) – इसका उपयोग डीजी के वोल्टेज को सही करने के लिए होता है जब भी जी का वोल्टेज कम या ज्यादा होता है तो यह सही कर देता है।

एक्साइटर (Exciter) – यह Diesel Generator (DG) में AVR से मिलने वाले इनपुट के अनुसार वोल्टेज को सही रखने में मदद करता है।

बैटरी(Battery) – डीजल जनरेटर के अंदर 12 VOLT-12 VOLT की 2 बैटरी लगी होती है, जो आउटपुट में हमे 24 वोल्टेज देती है।

क्रैंक मोटर/स्टार्टर मोटर (Cranking motor/Starter Motor) – जब Diesel Generator (DG) चालू किया जाता है, तो उसे 90% तक स्पीड देने के लिए क्रैंकिंग मोटर का इस्तेमाल होता है। यह Diesel Generator (DG) चालू होने के बाद अपने आप बंद हो जाती है। इसका काम बैटरी की मदद से इंजन को ऑटोमेटिक स्टार्ट करना होता है। जिसको हम सेल्फ के नाम से भी जानते हैं।

गवर्नर(Governor) – अल्टरनेटर को घुमाने के लिए इंजन के रोटर की स्पीड normally 1500 Rpm होना जरूरी है। जब रूटर की स्पीड कम या ज्यादा होती हैं। तो उससे मेंटेन करने के लिए Governor का ही उपयोग होता है।

फ्लाईव्हील (Flywheel) – जब Diesel Generator (DG) 1500 Rpm पर घूमता है। तो अचानक से स्पीड बहुत कम या ज्यादा ना हो, इसके लिए ही फ्लाईव्हील का उपयोग होता है। स्पीड अचानक से बहुत कम ही जाए तो अल्टरनेटर फैल हो सकता है और अगर स्पीड अचानक बहुत ज्यादा हो जाये तो अल्टरनेटर फैल होने के साथ साथ Diesel Generator (DG) भी कंट्रोल से बाहर हो सकता है।

सर्किट ब्रेकर(Circuit Breaker) – अगर कभी गलती से डीजल जनरेटर के अंदर कोई शॉट सर्किट या किसी भी प्रकार का कोई इलेक्ट्रिकल फाल्ट आ जाये तो यह सर्किट ब्रेकर ऑटोमैटिक ट्रिप होकर हमारे उपकरण को सुरक्षा देता है।

Conclusion

तो उम्मीद है आपके Diesel Generator (DG) से जुड़े कई सवालो के जवाब मिल गए होंगे। और dg kya hota hai, dg parts name, diesel generator pdf in hindi, dg kya hai, dg set working principle in hindi, diesel generator in hindi, dg working principle in hindi, डीजल जनरेटर क्या है, जनरेटर के बारे में जानकारी, diesel generator parts name list, से जुड़ी पोस्ट आपको पसंद आई होगी

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