चीजल Chisel क्या होती है ? चीजल कितने प्रकार की होती हैं ? Types of Chisel, Use, Material In Hindi Information
चिजल क्या होती है ? चीजल किस धातु कि बनी होती है ? चीजल किस काम मे आती है ?
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Chisel – छेनी (Chisel) एक हैण्ड कटिंग टूल है इस का प्रयोग वहाँ किया जाता है चीजल एक प्रकार का ऐसा टूल है जिससे हम वर्कशॉप और कई स्थान पर प्रयोग करते है बिजली के काम में काफी इस्तेमाल की जाती है ज्यादातर इसका इस्तेमाल दीवारों में ईटों को तोडने के लिए किया जाता है ताकि कोई भी फिटिंग का पाइप लग सके जहाँ हैक्सा व रेती द्वारा धातु को काटना मुश्किल होता है
अत: पतली चादरो व सरिये को दो भागों मे बाटने व काटने के लिए इस का प्रयोग किया जाता है इस के द्वारा धातु कि मोटाई को भी छिलाई द्वारा कम किया जाता है यह हाई कार्बन स्टील कि बनाई जाती है जिसमें 75 प्रतिशत से 85 प्रतिशत तक कार्बन होती है जिसका उपयोग फिटर द्वारा कटिंग या चिपिंग संक्रियाए करने के लिए किया जाता है चीजल को छेनी भी कहा जाता है।
छेनी के मुख्य भाग (Parts of Chisel)
1.बॉडी या शैंक
यह छेनी के हैड व कटिंग एज के बीच वाला भाग होता है। इसके उपयोग के समय इसी भाग को बाएं हाथ से पकड़ा जाता है।
2.हैड
छेनी के सबसे ऊपर वाला भाग हैड (Head) होता है। यह लगभग 70° के कोण पर शंक्वाकार बनाया जाता है। इसके, इसी भाग पर हैमर द्वारा चोट मारी जाती है।
3.कटिंग एज
यह छेनी का सबसे नीचे वाला भाग होता है। इसी भाग से आवश्यक धातु को काटा जाता है। इसलिए इसकी धार काफी तेज बनायी जाती है। इसकी धार को 35° से 70° के बीच के बीच रखा जाता है। यह कोण धातु के काटने के आधार पर रखा जाता है। कि जब नर्म धातु काटनी होती है, तो यह कम कोण रखा जाता है, और कठोर धातु के लिए अधिक कोण रखा जाता है।
4.फोर्जिंग कोण
छेनी का यह भाग कटिंग एज के पीछे व बॉडी के आगे वाला भाग होता है, इसको फोर्जिंग विधि द्वारा टेपर में बनाया जाता है। यह भी अलग-अलग प्रकार की छेनियों में अलग होता है।
चीजल के प्रकार (Types of Chisel)
चीजल मुख्यत: दो प्रकार की होती है
हॉट चीजल
कोल्ड चीजल
Hot Chisel – जिन छेनी के द्वारा गरम धातुओ को काटा जाता है उन्हें हॉट चीजल कहते है इसका अधिकतर प्रयोग कारीगर द्वारा ब्लैक स्मिथी शॉप तथा फोर्जिंग शॉप में गर्म जॉब की कटिंग करने में किया जाता है हॉट चीजल को टेम्पर करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
Cold Chisel – जिन छेनी के द्वारा धातुओ को ठंडी अवस्था मे काटा जाता है उन्हें कोल्ड चीजल कहते है इन छेनी को हार्ड व टेम्पर किया जाता है ताकि कार्य करते समय ये बैठ न सके और कार्य आसानी से किया जा सके.
कार्य के अनुसार चीजल(Chisel) कई आकारों में उपलब्ध होती है | जैसे:-
Flat Chisel
Side Cut Chisel
Cross Cut Chisel
Diamond Point Chisel
Round Nose Chisel
Cow Mouth Chisel
Web Chisel
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Flat Chisel – इस छेनी का प्रयोग तार, फ्लैट, शीट, और सरिये आदि काटने के लिए किया जाता है इसका प्रयोग चिपिंग के लिए भी किया जाता है इसकी धार V आकृति कि होती है फ्लैट चीजल का उपयोग बड़ी सपाट सतहों से अनावश्यक धातु को काटने तथा वेल्ड जोड़ एवं ढलाई से अतिरिक्त धातु को चिपिंग द्वारा हटाने के लिए किया जाता है।
वर्कशॉप में फ्लैट चीजल का अधिकतर प्रयोग किया जाता है | बाजार में कार्य के अनुसार विभिन्न साइजो (100 से 400 mm लम्बाई में तथा कटिंग एज 16 से 32 mm तक ) में फ्लैट चीजल उपलब्ध होती है।
Side Cut Chisel – यह फ्लैट चीजल कि तरह होती है इसका कटिंग पॉइंट बॉडी से एक और मुड़ा होता है इसका फोर्जिंग कोण 25 डिग्री तक और ऐंगल 60 डिग्री तक होता है इसका प्रयोग कि – वेज या वर्गकार ग्रूप के स्लॉट बनाने के लिए किया जाता है।
Cross Cut Chisel – इसे कैप चीजल भी कहते है इसका प्रयोग की – वेज बनाने के लिए किया जाता है इससे आयताकार और चौरस ग्रूप बनाए जाते है इसके कटिंग एज की चौड़ाई 4 से 12 मि.मी. होती है इसके कटिंग एज का पीछे का भाग पतला होता है जिससे यह ग्रूप या स्लॉट मे नहीं फंसती इसका फोर्जिंग ऐंगल 30 डिग्री और कटिंग ऐंगल 60 डिग्री होता है।
Diamond Point Chisel – इसका कटिंग एज V आकार मे ग्राइंड होता है इसके द्वारा V आकार के ग्रूप, वर्गाकार ग्रूप के कोने मे बनाए जाते है इसकी धार हीरे की तरह तेज होती है इसके कटिंग एज की चौड़ाई 6 से 16 मि.मी. होती है।
Round Nose Chisel – इसकी धार गोलाकार होती है इसका कटिंग ऐंगल 35 डिग्री से 45 डिग्री होता है इसका कटिंग ऐंगल कलम की तरह बना होता है इसका प्रयोग ऑयल ग्रूप काटने और जो सुराख सेंटर से बाहर हो जाते है उसे सेंटर मे लाने के लिए किया जाता है।
Cow Mouth Chisel – काऊ माउथ चीजल का कटिंग एज गाय के मुख के समान होता है इसका अधिकतर प्रयोग जॉब की कास्टिंग के बाद रफ सतह के स्पॉट्स को हटाने, रिविटिंग करने के बाद रिविट की हेड को साफ़ करने में तथा चमड़े, रबर एवं धातु की चद्दरों में गोल छेद काटने तथा उनमें गोल सुराख बनाने और कटिंग किये जॉब के भागों को उडाने के लिए किया जाता है।
Web Chisel – वेब चीजल का मुख्यत: प्रयोग जॉब में चैन ड्रिलिंग के बाद होल्स के बीच की धातु को काट कर हटाने के लिए किया जाता है।
Mushroom head Chisel – चीजल के सिरे पर हथोड़े से बार बार चोट लगाने से उसके सिरे की धातु चारों तरफ से बाहर की और फैल जाती है इसे मशरुम हेड छेनी कहते है एसी छेनी का प्रयोग नहीं करना चाहिए हमेशा प्रयोग करने से पहले बाहर फैली धातु को ग्राइंड द्वारा ग्राइंड कर लेना चाहिए ताकि धातु का टुकड़ा हथोड़े की चोट से टूट कर ना लग सके।
छेनी के प्रयोग में सावधानियां (Precautions in the use of Chisel)
- चिपिंग करते समय हमेशा चश्मा पहनना चाहिए ताकि कोई चिप्स उड़ कर आँख मे ना पड़े।
- जॉब वाइस के अंदर मजबूती के साथ बंधी होनी चाहिए तथा जॉब के नीचे लोहे की पेकिंग दे देनी चाहिए ताकि चोट लगाते ही जॉब नीचे न जा सके।
- कटिंग एंगिल उन्नत (convex) होना चाहिए इससे chisel का लाइफ टाइम (Life-time) बढ़ जाता है तथा काटने में आसानी रहती है।
- हथोड़े के फेस या chisel के हैड पर कोई चिकनाई नहीं लगी होनी चाहिए।
- चिपिंग करने वाले वर्क बेंच पर चिपिंग स्क्रीन लगी होनी चाहिए ताकि किसी दूसरे व्यक्ति को चिप्स न लग सके।
- जॉब की मार्किंग लाइन साफ नजर आनी चाहिए जहाँ पर चिपिंग करनी चाहिए
- कभी भी मशरूम हेड छेनी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- हमें कार्य के अनुसार छेनी का प्रयोग करना चाहिए
- चिपिंग के समय सेफ्टी गार्ड का प्रयोग करना ना भूलें।
चीजल के कटिंग कोणों (Cutting Angle) की सूची –
क्र.सं. | छैनी का प्रकार | स्टील | कास्ट ऑयरन | कॉपर ब्रास | जिंक और एल्यूमीनियम |
1. | चपटी छैनी (Flat Chisel) | 70° | 60° | 45° | 35° |
2. | क्रॉस कट छैनी (Cross Cut Chisel ) | 70° | 60° | 45° | 35° |
3. | डायमंड पाइंट छैनी (Diamond Point Chisel) | 60° | 60° | 60° | 60° |
4. | अर्ध-गोल छैनी (Half Round Chisel) | 45° | 45° | 45° | 45° |
चिपिंग
“धातु की ऊपरी सतह से छेनी द्वारा धातु की पतली परत (chip) को काटकर अलग करने की प्रक्रिया को चिपिंग (chipping) कहते हैं”। चिपिंग करने के लिए आवश्यक दाब हथौडे़ की चोट से मिलता है। चिपिंग के लिए chisel को धातु की सतह से लगभग 40° के कोण (angle) पर झुकाकर रखा जाता है, जिससे chisel की कटिंग एज को लगभग 10° का क्लीयरैन्स मिल जाता है
तथा चिप्स को 20° का रेक एंगिल (rake angle) मिल जाता है। इससे कटिंग आसानी से होती है। यदि chisel को अधिक झुकाने से क्लीयरैन्स एंगिल बहुत कम या शून्य हो जाता है तो छेनी की कटिंग एज धातु में घुसकर (plenetrate) कटाई नहीं कर पाएगी परन्तु क्लीयरैन्स कोण अधिक होने पर वह धातु में गड़ जाएगी। कठोर धातु (hard metal) के लिए कटिंग एज का कोण अधिक तथा नरम धातु (soft metal) के लिए के लिए कम रखा जाता है।
चिपिंग प्रक्रिया
- यदि जाब (job) छोटा है तथा यदि जाब को वाइस में बांधकर चिपिंग करनी है तो जाब के नीचे के खाली स्थान को लकडी़ (wood) के गुटके से भर लेना चाहिए।
- जिस सिरे से चिपिंग शुरू करनी हो उसे पहले चैम्फर (chamfer) कर लेते हैं। इससे चिपिंग आसानी से शूरू होती है।
- वाइस (Vice) के सामने चिपिंग की दिशा के विरुद्ध चिपिंग गार्ड का प्रयोग करना चाहिए।
- बाएं हाथ से chisel को पकड़कर दाएं हाथ से हथौडा़ (hammer) हल्के प्रेशर से मारना चाहिए।
- धार को सुरक्षा प्रदान करने के लिए उसे बार-बार तेल (Oil) लगाते रहना चाहिए।
- चिपिंग (chipping) जब दूसरे सिरे तक पहुंच जाए तो बहुत हल्की चोट लगानी चाहिए।जिससे कि दूसरे सिरे की अधिक धातु उखड़ने का खतरा रहता है।