Cable Kya Hai ? Details In Hindi | Cable की पूरी जानकारी

Cable Kya Hai ? Details In Hindi | तार और केबल क्या होती है और इनमे क्या क्या अंतर होता है

Cable Kya Hai | Types of wire

दोस्तों Cable नाम सुनते ही हमारे दिमाग मे बिजली की खम्बो के तार याद आ जाते है, हमारे घरों में बिजली Cable द्वारा ही आती है। हमने बचपन से बहुतों बार Cable देखा और सुना है , मगर आज तक हमे पता नहीं है की एक पतली सी Cable से इतनी खतरनाक बिजली कैसे आ जाती है। तो आज हम इस पोस्ट मे जानेगे की Cable Kya Hai , Cable Kitne Prakar ke hote hai , Cable द्वारा  Computer मे फोटो कैसे भेजा  जाता है ? इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप Cable के बारे में बहुत कुछ जान जायेगे।

तार और केबल के द्वारा ही इलेक्ट्रिकल पावर को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुचाया जा सकता है। तारों और केबलों, दोनों का काम एक ही है। इन दोनों में मुख्य अंतर ये है कि तार, चालक यानी कंडक्टर को कहते हैं जिस पर किसी प्रकार से इन्सुलेशन की कोई परत नहीं चढ़ी होती। केबल में कंडक्टर यानी तार के ऊपर PVC का इन्सुलेशन चढ़ा हुआ होता है, किसी किसी मामले में रबड़ की परत भी इस्तेमाल की जाती है।

इस इन्सुलेशन के कारण केबले, तार से ज्यादा सुरक्षित होती है, क्योंकि इनमें इन्सुलेशन की परत के कारण करंट के लीक होने का कोई खतरा नहीं होता। और इनको छूने से बिजली का झटका लगने का भी कोई डर नहीं होता है।

Cable Kya Hai ?

Cable एक मोटी सी तार है या हम कह सकते है की जब बहुत से तार एक दूसरे से मिला देते है तो हमे Cable मिलता है।  Cable के ऊपर एक प्लास्टिक या रबर का परत होता है जो हमे करंट लगने से बचाती है , हम अपनी घरो मे बिजली लाने के लिए Cable का प्रयोग करते है। 

या किसी Electronic Signal भेजना रेहता है तो हम Cable का ही प्रयोग करते है। Cable की मदद से हम अपनी T.V मे Signal ला पाते है जिसके वजह से हमारा समय lockdown मे बीत रहा था।

वायरिंग में प्रयोग की जाने वाली तारें

1. फ्लेक्सिबल तार (Flexible Wires): इनमें कई रंगों में इधर उधर मुड़ने वाली तारें आती है। यह अस्थाई वायरिंग में काम आती है। PVC कवर के नीचे तांबे की कई अधिक गेज की तारें तांबे की होती है। ये मीटर में मिलती है।

2. पी.वी.सी. तार (P.V.C Wire): पी वी सी का पूरा नाम पॉली विनाइल क्लोराइड है। ये तारें वायरिंग में प्रमुखता से वर्तमान में काम आ रही है। घरों में व उद्योग में यह पीवीसी तार अलग अलग साइज की काम आती है। आज कल 2एमएम, 4एमएम, इस प्रकार के साइज में आती है।

3. VIR तार (VIR Wires): इसे वाल्केनाइज इंडियन रबड़ कहते है। इस तार का प्रयोग वायरिंग में किया जाता है। वर्तमान के इसका स्थान PVC तार ने ले लिया है।

4. लैड शीथड तार (Lead Sheathed Wires): इन तारों के ऊपर लैड कवर चढ़ा होता है। नमी, अम्लो का इन पर असर नही होता है। ये बर्फीले इलाकों, वर्षा वाले स्थानों पर प्रयोग में आता है।

5. अन्य तारें (Other Wires): पी.वी.सी. फ्लेक्सिबल ट्विन कोर, पी.वी.सी. फ्लेक्सिबल तार टू कोर, पी.वी.सी. फ्लेक्सिबल तार तीन कोर, काटन कवर्ड फ्लेक्सिबल तार टू कोर/तीन कोर।

वोल्टेज ग्रेड के आधार पर केबिल्स का वर्गीकरण 

 वोल्टेज ग्रेड के आधार पर केबिल्स को इन चार वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है 

निम्न वोल्टेज केबिल Low Voltage Cable 

250 वोल्टेज तक की वोल्टेज , निम्न श्रेणी की कहलाती है । अत : 250 वोल्ट तक घरेलू ‘ लाइट एण्ड फैन ‘ तथा पॉवर ‘ लोड के लिए बनाए गए केबिल , निम्न वोल्टेज केबिल कहलाते हैं । ये वी.आई.आर. , पी.वी.सी. , सी.टी.एस. , वैदर – प्रूफ तथा फ्लैक्सिबिल प्रकार के होते हैं । 

मध्यम वोल्टेज केबिल Medium Voltage Cable 

650 V तक की वोल्टेज , मध्यम वोल्टेज कहलाती है । अत : 650 V तक घरेलू एवं औद्योगिक ‘ पॉवर ‘ लोड के लिए बनाए गए केबिल , मध्यम वोल्टेज केबिल कहलाते हैं । ये वी.आई.आर. , पी.वी.सी. , सी.टी.एस , वैदर – प्रूफ , लैड शीथ्ड , ट्रोपोड्योर तथा फ्लैक्सिबिल प्रकार के होते हैं ।

उच्च वोल्टेज केबिल High Voltage Cable 

22,000 V तक की वोल्टेज , उच्च श्रेणी की कहलाती है । अत : 22,000 V तक विद्युत वितरण प्रणाली में प्रयोग किए जाने वाले केबिल , उच्च वोल्टेज केबिल कहलाते हैं । ये आर्मर्ड केबिल अथवा स्टैण्डेड प्रकार के नंगे तार होते हैं । 

अति उच्च वोल्टेज केबिल Extra – high Voltage Cable

 22,000 V अर्थात् 22 kV से अधिक की वोल्टेज , अति उच्च श्रेणी की कहलाती है । अत : 22kV से अधिक वोल्टेज पर प्रयोग किये जाने वाले केबिल , अति उच्च वोल्टेज केबिल कहलाते हैं । ये स्टैण्डेड प्रकार के नंगे तार होते हैं और प्राय : ताँबे से बने होते हैं ।

Cable Kitne Prakar Ke Hote Hai ?

Cable अनेक प्रकार के होते है , जो अलग – अलग कार्य मे प्रयोग होते है , जैसे :

Mechanical Cables
Electrical Cables
Communication Cable

अब Mechanical Cable के अन्दर अनेक प्रकार के Cable होते है। तो चलिए सभी के बारे मे एक -एक करके जानते है।

Mechanical Cable 

Nautical Cable Kya Hai ?

Nautical Cable को हम रस्सा भी कह सकते है जो बहुत ही मजबूती से बुना जाता है। इसका प्रयोग हम भारी भरकम समान उठाने में करते है ,जैसे : पानी में एक जहाज़ से दुसरे जहाज मे समान भेजना हो तो।

Wire Rope हम सब बचपन से ही बिजली की खम्बो पे देखते आ रहे है , जब बहुत से Metal wire को हेलिक्स ( गोल-गोल घुमाते है तो हेलिक्स बनता है ) आकार मे बदलते है तो Wire Rope बन जाता है। इसका प्रयोग बिजली को घरो तक भेजने मे मदद करता है।

Wire Rope के भी अनेक प्रकार होते है।

Bowden Cable का उपयोग हम किसी कार्य मे बल (Force ) का प्रयोग करने के लिए करते है।

Flexible Shaft भी Bowden Cable की तरह उपयोग होता है मगर बल की जगह यहा पे टार्क के लिए होता है। 

Electrical Cable Kya Hai ?

Electrical Cable का प्रयोग  पावर या सिंगल भेजने के लिए होता है। एक या एक से अधिक  तार आपस में लपेटे रहते है और उसके ऊपर प्लास्टिक की परत होती है , जो हमे बिजली से बचाती है। 

ये भी Electric Cable की तरह ही है जिसके अंदर एक Flexible कॉपर की तार होती है , उसके ऊपर कॉपर और इंसुलेटर की बहुत सी परत होती है। इसका जादे तर हम अपने T.V सिग्नल के लिए प्रयोग करते है। 

Power Cable का प्रयोग हम सब Main Supply से अपने डिवाइस मे भेजने के लिए करते है।

Submarine Communications Cable ये समुन्द्र के तल पर रखी जाने वाली Cable है , जो भूमि आधारित स्टशनों के बिच दुरसंचार संकेतो के लिए  प्रयोग होता है।

जब एक या एक से अधिक Optical Fibre एक तर में प्रयोग होता है तो उसे Fibre Optic Cable कहते है। 

Communication Cable Kya Hai ?

Cable Television

Cable Internet Access का प्रयोग हम इंटरनेट चलाने के लिए करते है जो सीधे हमारे घर के ब्रॉडबैंड मे आकर लगता है। 

Wire Aur Cable me Kya Antar Hai ?

तारों और Cable के बीच मूल महत्वपूर्ण अंतर यह है कि एक तार एक अकेले कंडक्टर है जबकि एक Cable कंडक्टरों का समूह है। हालांकि, ये कंडक्टर एक सामान्य सामग्री से बने होते हैं- तांबा या एल्यूमीनियम। आमतौर पर, तार नंगे होते हैं और मुड़ जाते हैं। 

सर्विस केबल क्या है?

घरेलू डिस्ट्रीब्यूशन में इस्तेमाल होने वाले बिजली के खंभों से जिन केबलों को घर पर लगे मीटर बोर्ड तक लाते हैं, उसको सर्विस केबल कहते है। सर्विस केबल पर ठंड, बरसात तथा गर्मी का कोई प्रभाव नहीं होता।

इस केबल में सबसे पहले तार के ऊपर रबड़ की इन्सुलेशन चढ़ाई जाती है और उसके बाद कॉटन थ्रेड ब्रेडिंग से इन्सुलेशन किया जाता है। इस ब्रेडिंग मटेरियल को पहले वाटर प्रूफ कंपाऊण्ड में भिगोया जाता है। ज्यादातर सर्विस केबल डबल कोर होती है।

खंभे से मीटर बोर्ड तक इस सपोर्ट देने के लिए केबल के साथ 10 SWG का एक G.I. का तार भी लगाया जाता है। इस सर्विस केबल का उपयोग 1000V तक किया जा सकता है। इसलिए इनको लो-टेन्शन केबल या LT केबल भी कहते हैं।

वैसे यह जानकारी आपको कैसा लगा। प्लीज हमें जरूर बताइए, कमेंट बॉक्स में लिखकर के साथ ही आपका कोई आईडिया हो सजेशन है तो वह भी आप हमें बता सकते हैं।

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